अन्योक्ति अलंकार की परिभाषा एवं उदाहरण | Anyokti Alankar
अन्योक्ति अलंकार किसे कहते है?
परिभाषा – जब किसी अप्रस्तुत माध्यम से किसी प्रस्तुत (सच्चाई) का बोध कराया जाता है, तब वहाँ ‘अन्योक्ति अलंकार’ होता है।
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Anyokti Alankar ke Udaharan
उदाहरण – नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहीं बिकास यहि काल ।
अली कली ही तें बँध्यो, आगे कौन हवाल।।
Explaination – इन पंक्तियों के माध्यम से कवि बिहारी ने भौंरे पर निशाना साधकर महाराज जयसिंह को उनकी यथार्थ स्थिति का आभास कराया। महाराज जयसिंह अपनी छोटी रानी के प्रेम में इतने व्यस्त हो गए कि उन्होंने अपने राजकाज का ध्यान रखना तक छोड़ दिया।
उदाहरण – अब अलि रही गुलाब में, अपत कटीली डार।
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