जिला भोपाल – म.प्र. की जिलेबार (MP District Wise GK in Hindi) सामान्य ज्ञान
जिले का नाम | जिला भोपाल (District Bhopal) |
गठन | 26 जनवरी 1972 |
तहसील | हुजूर, बैरसिया, भोपाल |
पड़ोसी जिलों के साथ सीमा | गुना, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़ |
जनसँख्या (2011) | 23,71,061 |
साक्षरता दर (2011) | 80.37% |
भौगोलिक स्थिति | अक्षांतर स्थिति – 23o03′ से 23o53′ उत्तर देशांतर स्थिति – 77o12′ से 77o40’पूर्व |
म.प्र. की राजधानी भोपाल जिला है| भोपाल जिला, भोपाल संभाग के अंतर्गत आता है| भोपाल संभाग का मुख्यालय राजधानी भोपाल में ही है| इस संभाग के अंतर्गत 5 जिले आते है जो निम्न है-
- भोपाल (Bhopal District)
- रायसेन (Raisen District)
- विदिशा (Vidisha District)
- सीहोर (Sehore District)
- राजगढ़ (Rajgahrh District)
भोपाल जिले का इतिहास History Of Bhopal District
1956 से मध्यप्रदेश की राजधानी रहा भोपाल, पहले सीहोर जिले की तहसील था| भोपाल 1972 में जिला बना था पूर्व में भोपाल को भोजताल के नाम से जाना जाता था|
भोपाल को राजा भोज ने 1000-1055 ईस्वी में झीलों के रूप में बसाया गया था। राजा भोज ने धार को अपनी राजधानी बनाया। धार वर्तमान में म. प्र. का एक जिला है। स्वतंत्रता से पहले भोपाल हैदराबाद के बाद दूसरा सबसे बड़ा मुस्लिम राज्य था तथा स्वतंत्रता के बाद यह नवाबों के अधीन हो गया था| यह पांच पहाड़ियों पर बसा है, इसमें इस्लाम नगर की स्थापना अफगान शासक दोस्त मोहम्मद खॉ ने की थी।
तहसील – भोपाल (MP Districtwise GK in Hindi)
भोपाल जिले में 3 तहसील – हुजूर, बैरसिया, भोपाल तहसीलें है।
भौगोलिक स्थिति – भोपाल जिले की भौगोलिक स्थिति
भोपाल जिले का क्षेत्रफल 2772 वर्ग किलोमीटर है। यह क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश का 50 वां जिला है। भोपाल भौगोलिक दृष्टि से अक्षांतर स्थिति – 23o03′ से 23o53′ उत्तर, देशांतर स्थिति – 77o12′ से 77o40’पूर्व पर स्थित है।
भोपाल जिले से 5 जिले सीमा बनाते है जो गुना, राजगढ़, सीहोर, रायसेन, तथा विदिशा है। भोपाल जिले से राष्ट्रीय राजमार्ग NH – 12, NH – 86 होकर गुजरते है।
जिले की जलवायु मध्यम है यहाँ गर्मियों में मध्यम गर्मी और सर्दियों में मध्यम ठंडी होती है। यहाँ चरम मौसम की स्थिति कभी नहीं होती।
मिट्टियाँ एवं कृषि – भोपाल जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि
भोपाल जिले में काली मिट्टी पायी जाती है। काली मिट्टी में लोहे और चुने की अधिकता से इसका रंग काला होता है।
कृषि – भोपाल जिले में मुख्यतः गेहूँ की फसल होती है। यहाँ शरबती गेहूँ उगाया जाता है। शरबती गेहूँ का उत्पादन सीहोर, नरसिंहपुर, अशोकनगर, हरदा, भोपाल मालवा क्षेत्र सहित कई जिलों में बहुत अधिक मात्रा में होता है।
पशुपालन – भोपाल में सेक्स सॉर्टेड सीमेन उत्पादन प्रयोगशाला राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत स्थापना की जा रही है। भोपाल जिले में उन्नत सांड प्रजनन केंद्र (केंद्रीय वीर्य संस्थान) भदभदा में स्थित है।
भोपाल जिले की प्रमुख नदियाँ
- कोलार
- केरवा
सीहोर जिले की विंध्य श्रेणी से निकलने वाली कोलार नदी भोपाल जिले से होकर बहती है। कोलार नदी, नर्मदा नदी में जाकर गिरती है। इसकी कुल लम्बाई लगभग 101 किमी है।
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सिंचाई एवं परियोजनाएं
कोलार परियोजना – कोलार नदी पर बनी कोलार परियोजना से म. प्र. दो जिले सीहोर और भोपाल लाभान्वित है।
कोलार परियोजना से लगभग 60887 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जाती है। इससे 70% पीने योग्य पानी भोपाल को मिलता है।
वन एवं वन्यजीव – District Bhopal
भोपाल जिले में आरक्षित वन क्षेत्र 2761.98 किमी है।
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राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण – भोपाल
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान –वन विहार राष्ट्रीय उद्यान म. प्र. का एकमात्र ISO-9001:2000 अवार्ड प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाला राष्ट्रीय उद्यान है। वन विहार उद्यान की स्थापना 1979 में की गई थी। इसे 1983 में राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया। इसका क्षेत्रफल 4.452 वर्ग किमी है।
यहाँ मध्यप्रदेश का एकमात्र ‘लार्ज ज़ू’ यानि विशाल चिड़िया है।
खनिज सम्पदा एवं उद्योग – भोपाल जिले में
खनिज – भोपाल जिले में तांबा खनिज पाया जाता है। तांबा एक अत्यंत सुचालक धातु है। इसका प्रयोग विद्युत उपकरणों में किया जाता है।
तांबा मध्यप्रदेश के राजगढ़, जबलपुर, बालाघाट, भोपाल, ग्वालियर, शिवपुरी, होशंगाबाद, सागर, नरसिंहपुर और सीधी में पाया जाता है।
उद्योग – भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (BHEL) का एक कारखाना भोपाल में स्थित है। इस कारखाने की स्थापना 1960 ब्रिटेन की सहायता से की गई थी। भेल कारखाने को वर्ष 2012 में महारत्न का दर्जा दिया गया।
भोपाल जिले में जनजाति
- सौर जनजाति
- सहरिया जनजाति
सौर जनजाति – म. प्र. की आर्थिक एवं सामाजिक रूप से अत्यंत पिछड़ी जनजाति सौर जनजाति है। यह प्रदेश की कुल जनजातीय जनसंख्या की 1% है।
सहरिया जनजाति – मध्यप्रदेश की 5 वीं सबसे बड़ी सहरिया जनजाति भोपाल के अलावा मुरैना, भिंड, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना आदि जिलों में निवास करती है। सहरिया शब्द सह+हरिया से हुई है जिसका अर्थ है – ‘शेर के साथ’ होना।
भोपाल जिले की बोलियां एवं मेले –
बोली – भोपाल जिले में बुंदेली भाषा बोली जाती है। बुंदेली भाषा का विकास पश्चिमी हिंदी की शौरसेनी अपभ्रंश से हुआ है। यह म. प्र. के छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, दमोह, सागर, विदिशा, भोपाल, दतिया, एवं नरसिंहपुर जिलों में प्रचलित है।
मेले –
भोपाल उत्सव मेला – 01 जनवरी से 10 फरवरी तक दशहरा मैदान भोपाल उत्सव मेला का आयोजन प्रतिवर्ष होता है।
भोपाल जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल –
- ताज-उल-मस्जिद
- भोजेश्वर मंदिर
- शौर्य स्मारक
- भोजताल
- बिरला मंदिर
- फिश एक्वेरियम
- मनुआ भन की टेकरी
- माता पार्वती की गुफा मंदिर
- समसगढ़
Bhopal District में ताज-उल-मस्जिद बैठक क्षमता के आधार पर देश की सबसे बडी मस्जिद है, जबकि छोटी मस्जिद ढाई सरी की मस्जिद है।
शमसगढ जैन तीर्थ के लिये प्रसिद्ध है| यहाँ के किले हिन्दु इस्लामिक संस्कृति के नमूने है|
जिले के प्रमुख संग्रहालय/मुख्य संस्थान –
- म. प्र. पुरातत्व एवं जनजातीय संग्रहालय
- भारतीय होटल प्रबधन संस्थान
- कृषि प्रशिक्षण शाला
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय
- कुंजी लाल दुबे विधि संस्थान
- जेल अनुसंधान प्रयोगशाला
- क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र
- प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय भोपाल
- बिड़ला म्यूजियम
- माधव संप्रे पत्रकारिता संग्रहालय
- दुष्यंत कुमार संग्रहालय
भोपाल जिले से सम्बंधित प्रमुख व्यक्ति
- भोज
- रघुराम राजन
- असद भोपाली
- उपदेश अवस्थी
- कैफ भोपाली
- मंजर भोपाली
- बागीश शास्त्री
- दिग्विजय सिंह
- शिवराज सिंह चौहान
- उमा भारती
- श्यामा चरण शुक्ल
- जगदीप
- निर्मला बुच
- डॉ.बशीर
- अन्नू कपूर (फिल्म अभिनेता)
- इमरान हाशमी
भोपाल जिले से प्रकाशित पत्र-पत्रिकाएं –
उर्वशी, राग भोपाली, समागम, मीडिया विमर्श, शैक्षणिक संदर्भ, गर्भनाल, धर्मार्थी, नेचर टुडे, इलेक्ट्रॉनिक आपके लिए, रचना, आंचलिक पत्रकार, उपभोक्ता शक्ति, कृषक दुनिया, किसान अभिकल्पना, कर्मनिष्ठां, भोपाल कोलार, खेती संसार, ओजस्विनी, देश का संदेश, दिव्य लोक, प्रदेश टुडे, प्रेरणा, मध्य प्रदेश संदेश, साहित्य सरोवर, रोजगार और निर्माण, करवान -ए – अदब, सूचना मंत्र, शिखर वार्ता, साक्षात्कार, पोलिटिकल व्यू, समीरा, देश का संदेश, शब्द शिल्पियों के आसपास, शांति ध्वज, अक्षरा, वसुधा, पूर्वाग्रह चौमासा, डेमोक्रेटिक वर्ल्ड, चकमक, म.प्र. सहकारी समाचार, नवांकुर बाल पत्रिका, साहित्य सागर, गुल्लक, शिवम, बाल भास्कर, शिवम पूर्णा, समझ झरोखा बाल पत्रिका, शैक्षिक पलाश, स्नेह बाल पत्रिका, पंचायिका, कलावार्ता, आह! जिंदगी, क्षितिज (राजभाषा पत्रिका), नए विकल्प आदि।
Bhopal DISTRICT के प्रमुख तथ्य –
- Bhopal Jile में कार्तिक पुर्णिमा को विशाल मेला लगता है|
- भोपाल जिले में मध्य प्रदेश की नरोन्हा प्रशासनिक अकादमी स्थित है|
- ग्रीन ट्रिब्यूनल की खण्ड पीठ भोपाल जिले (Bhopal District) में है| देश का प्रथम आपदा प्रबंधन संस्थान है|
- मध्य प्रदेश का एकमात्र इसरो केंद्र भोपाल में है|
- बिड़ला मंदिर(Birla Temple) भोपाल (Bhopal) में है, जिसे लक्ष्मीनारायण का मंदिर कहा जाता है|
- इसरो द्वारा MCF(Master Facility Center) केंद्र 2007 में लगाया गया था|
- भारतीय वन प्रबंधन संस्थान 1974 में बनाया गया था| क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोग शाला भोपाल में है|
- भोपाल को झीलों की नगरी के नाम से जाना जाता है।
- पुलिस श्वान प्रशिक्षण केंद्र भोपाल में है। पुलिस यातायात केन्द्र भोपाल में है|
- भोपाल कोलार, वेतबा, हलाली नदियों से घिरा है|
- शौकत महल भोपाल में है|
- सरोजनी नायडू कॉलेज भोपाल में है|
- सर्वाधिक नगरीय प्रतिशत वाला जिला है|
- भोपाल में भेाजताल झील, उपरी झील, माती झील, शारंगपानी झील, हुसैन तालाब, आदि भोपाल में है।
- दुष्यंत कुमार पाण्डूलिपी भोपाल में है|
- मानुभावन की टेकरी लालघाटी के पास 625 मीटर ऊंची है।
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