जिला बड़वानी – म.प्र. की जिलेबार सामान्य ज्ञान (MP District Wise GK in Hindi)
जिले का नाम | बड़वानी (Barwani District) |
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गठन | 25 मई 1998 |
तहसील | बड़वानी, ठीकरी, निवाली, बरला, राजपुर, पानसेमल, अंजड़, पाटी, सेंधवा |
बड़वानी जिले के साथ सीमा | धार, खरगौन, अलीराजपुर |
राज्यों के साथ सीमा | गुजरात, महाराष्ट्र |
जनसँख्या (2011) | 13,85,881 |
साक्षरता दर (2011) | 49.08% |
भौगोलिक स्थिति | अक्षांतर स्थिति – 21o37′ से 22o22′ उत्तर देशांतर स्थिति – 74o27′ से 75o30′ पूर्व |
- बड़वानी जिले के बारे में | General knowledge of Barwani district
- बड़वानी जिले का इतिहास
- तहसील – बड़वानी (MP Districtwise GK in Hindi)
- भौगोलिक स्थिति – बड़वानी जिले की भौगोलिक स्थिति
- मिट्टियाँ एवं कृषि – बड़वानी जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि
- बड़वानी जिले की प्रमुख नदियाँ
- सिंचाई एवं परियोजनाएं
- वन एवं वन्यजीव – District SHYOPUR
- खनिज सम्पदा एवं उद्योग – बड़वानी जिले में
- बड़वानी जिले में जनजाति
- बड़वानी जिले की बोलियां एवं मेले –
- बड़वानी जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल –
- Barwani District GK Fact –
- District wise Madhya Pradesh General Knowledge
बड़वानी जिले के बारे में | General knowledge of Barwani district
निमाड़ का पेरिस कहा जाने वाला बड़वानी जिला इंदौर संभाग के अंतर्गत आता है। बड़वानी जिले को पश्चिमी निमाड़ (खरगौन जिले) से विभाजित करके 25 मई 1998 को जिला घोषित किया गया था।
इंदौर संभाग क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश का दूसरा बड़ा संभाग है, जो 8 जिलों में विभाजित है –
- इंदौर (Indore District)
- धार (Dhar District)
- झाबुआ (Jhabua District)
- अलीराजपुर (Alirajpur District)
- खंडवा (Khandwa District)
- खरगौन (Khargaun District)
- बड़वानी (Barwani District)
- बुरहानपुर (Burhanpur District)
बड़वानी जिले का इतिहास
बड़वानी को, खरगोन जिले से विभाजित करके 25 मई 1998 में जिला बनाया गया था। बड़वानी महाराष्ट्र की सीमा से लगा है। यह जिला कभी सिसोदिया वंश की राजधानी रहा थ। जलवायु परिवर्तन से प्रभावित जिला रहा है।
बड़वानी जिले का नाम बड़ (बरगद) के वृक्षों की अधिकता के कारण पड़ा। बड़वानी जिला चारों तरफ से बड़ के वृक्षों से घिरा हुआ है। वानी शब्द का अर्थ – बगीचा है इसलिए बड़वानी जिले को बड़ का उद्यान या बगीचा कहा जाता है और इसी वजह से जिले नाम बड़वानी पड़ा है।
बड़वानी जिले के बावनगजा में भगवान आदिनाथ की प्रतिमा स्थापित है।
तहसील – बड़वानी (MP Districtwise GK in Hindi)
बड़वानी जिला 09 तहसीलों में विभाजित है –
- बड़वानी
- ठीकरी
- निवाली
- बरला
- राजपुर
- पानसेमल
- अंजड़
- पाटी
- सेंधवा
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भौगोलिक स्थिति – बड़वानी जिले की भौगोलिक स्थिति
बड़वानी जिले का क्षेत्रफल 5427 वर्ग किलोमीटर है। यह क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश का 30 वां जिला है। बड़वानी जिले की सीमा मध्यप्रदेश के धार, खरगौन, और अलीराजपुर जिले, महाराष्ट्र राज्य के साथ लगती है। भौगोलिक दृष्टि से बड़वानी जिला अक्षांतर स्थिति – 21o37′ से 22o22′ उत्तर और और देशांतर स्थिति – 74o27′ से 75o30′ पूर्व में स्थित है।
मिट्टियाँ एवं कृषि – बड़वानी जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि
मिट्टी – काले गहरे रंग की दोमट मिट्टी वाला क्षेत्र है.
कृषि – बड़वानी जिले की मिट्टी और जलवायु कपास की खेती के लिए उपर्युक्त है। जिले में कपास की खेती की जाती है। बडवानी जिले में नकदी फसल के रूप में किसानों द्वारा मिर्ची की खेती की जाती है। बडवानी जिले के राजपुर में मिर्ची मार्केट लगता है। चने का उत्पादन भी मुख्य रूप से किया जाता है।
बड़वानी जिले की प्रमुख नदियाँ
नर्मदा नदी, बड़वानी जिले की प्रमुख नदी है। नर्मदा नदी मध्यप्रदेश सबसे बड़ी और देश की पांचवी सबसे लम्बी नदी है।
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सिंचाई एवं परियोजनाएं
इंदिरा गाँधी नर्मदा सागर परियोजना – यह परियोजना प्रदेश के खंडवा के पुनासा में नर्मदा नदी पर निर्मित है। इस परियोजना से बड़वानी, खरगोन जिले लाभान्वित है।
वन एवं वन्यजीव – District SHYOPUR
बडवानी जिले में कुल 901 वर्ग किलोमीटर में वन क्षेत्र है यहाँ उष्ण कटिबंधीय अर्ध पर्णपाती वन पाए जाते है। बडवानी जिला बड़ के वनों से घिरा हुआ जिला है। इसलिए इसका नाम बड़वानी पड़ा है यहाँ के वनों में भालू, हिरन, तेंदुआ, नीलगाय, लकडबग्घा आदि देखने को मिलते है।
खनिज सम्पदा एवं उद्योग – बड़वानी जिले में
कैल्साइट खनिज – बड़वानी जिले के कुछ हिस्से पर कैल्साइट खनिज पदार्थ पाया जाता है।
उद्योग – बड़वानी जिले के सेंधवा एवं सेगांव में कपास के उद्योग लगे हुए है। इस क्षेत्र के पलसूद को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
बड़वानी जिले में जनजाति
भील जनजाति
बड़वानी जिले की बोलियां एवं मेले –
बोली – बड़वानी और उसके आसपास के क्षेत्र में निवाड़ी और मालवी बोली का प्रचलन है .
बाबा भिलट देव का मेला – बड़वानी जिले में नाग पंचमी के अवसर पर 5 दिवसीय बाबा भिलट देव का मेला लगता है।
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बड़वानी जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल –
- सेंधवा का किला
- भिलट देव मंदिर, नागलवाडी
- आदिनाथ की प्रतिमा बावनगजा जैन तीर्थ स्थल
- पांडवकालीन मंदिर
- शहीद भीमा नायक की गढ़ी
- बीजासन माता का मंदिर
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Barwani District GK Fact –
- यह पूर्वनगर बड़वानी रियासत की राजधानी भी रहा था। यहाँ पर राणा वंश का शासन था।
- बड़वानी जिले को निमाड़ का पेरिस कहा जाता है।
- प्रसिध्द बीजासन माता का मंदिर बड़वानी जिले में है।
- बड़वानी जिले का ऐतिहासिक प्रतीक तीरगोला राजा रणजीत सिंह के बेटे की स्मृति में बनवाया गया था।
- सेंधवा महाराष्ट्र की सीमा पर टोल प्लाजा है, जो मध्यप्रदेश को सबसे अधिक राजस्व प्रदान करता है ।
- अनिक काकोडर का जन्म यहीं पर हुआ था।
- Jila Barwani के बावनगजा (चुल गिरी) में भगवान आदिनाथ की विश्व की सबसे लम्बी 52 फीट की मूर्ति है| Barwani में जैन संत कुभकर्ण और इन्द्र जीत ने निर्वाण प्राप्त किया था।
- सर्वाधिक लालमिर्च का उत्पादन Badwani Jile में होता है।
- District Barwani में चावल अनुसंधान केंद्र है।
- Barwani Jile से राष्ट्रीय राजमार्ग NH-3 गुजरता है।
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