जिला छतरपुर GK – म.प्र. जिलेबार सामान्य ज्ञान (MP GK District Wise in Hindi)
छतरपुर जिले के सभी Most Important MP General Knowledge Fact जो की MP के सभी एक्साम्स में पूछे जाते है| इस पोस्ट के माध्यम से MP Chhatarpur District GK के सभी फैक्ट एक ही जगह एकत्रित किये गए है|जिससे MP Professional Examination Board के द्वारा पूछे जाने वाले पेपर्स में छात्र को छतरपुर जिले (Chhatarpur District) की जनरल नॉलेज फैक्ट एक ही जगह प्राप्त हो जाये है| इसके आलावा मध्यप्रदेश के सभी जिलों की अलग से पोस्ट बनायी गयी है जिससे आपको MP के सभी District की महत्वपूर्ण GK एक जगह मिल जाये|
जिले का नाम | जिला छतरपुर (Jila Chhatarpur) |
गठन | 1956 |
तहसील | छतरपुर, राजनगर, लवकुशनगर, गौरिहार, नौगांव, बिजावर, बडामलेहरा, महाराजपुर, बकस्वाहा, धूवारा, चंदला |
पड़ोसी जिलों के साथ सीमा | पन्ना, दमोह, टीकमगढ़, सागर |
राज्यों के साथ सीमा | उत्तरप्रदेश |
जनसँख्या (2011) | 17,62,857 |
साक्षरता दर (2011) | 63.74% |
भौगोलिक स्थिति | अक्षांतर स्थिति – 24o06′ से 25o20′ उत्तर देशांतर स्थिति – 78o59′ से 80o26′ पूर्व |
जिला-छतरपुर, सागर संभाग के अंतर्गत आता है। मध्यप्रदेश का जबलपुर, इंदौर,उज्जैन के बाद चौथा बड़ा संभाग सागर है।
सागर संभाग में 6 जिले आते है|
- सागर (District Sagar)
- दमोह (District Damoh)
- पन्ना (District Panna)
- छतरपुर (District Chhatarpur)
- टीकमगढ़ (District Teekamgarh)
- निमाड़ी (District Nimari)
- छतरपुर जिले का इतिहास
- तहसील – छतरपुर (MP Districtwise GK in Hindi)
- भौगोलिक स्थिति – छतरपुर जिले की भौगोलिक स्थिति
- मिट्टियाँ एवं कृषि – छतरपुर जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि
- छतरपुर जिले की प्रमुख नदियाँ
- सिंचाई एवं परियोजनाएं
- वन एवं वन्यजीव – District Chhatarpur
- राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण – जिला छतरपुर
- खनिज सम्पदा एवं उद्योग – छतरपुर जिले में
- छतरपुर जिले में जनजाति
- छतरपुर जिले की बोलियां एवं मेले –
- छतरपुर जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल –
- जिले के प्रमुख संग्रहालय –
- Chhatarpur DISTRICT के प्रमुख तथ्य –
- MP District wise GK – Other District
छतरपुर जिले का इतिहास
छतरपुर जिला (Chhatarpur District) उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित है। छतरपुर की स्थापना 1785 में की गई थी। बुंदेला राजा छत्रशाल ने स्वतंत्र बुंदेला राज्य की स्थापना की थी। महाराजा छत्रशाल के नाम पर इसका नाम छतरपुर पड़ा। यह विंन्ध्य प्रदेश का हिस्सा था। वर्ष 1956 में विंध्य प्रदेश को मध्यप्रदेश राज्य में सम्मिलित कर गया।
Chhatarpur District के खजुरोहों में चंदेलो द्वारा बनाये गये अनेक मंदिर है- जैसे – कन्दारिया महादेव, चौसठ योगिनी मंदिर, चित्रगुप्त मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, पार्श्वनाथ मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, आदिनाथ मंदिर | खजुराहो अंतराष्ट्रीय पर्यटन स्थल (international tourist Place) है।
तहसील – छतरपुर (MP Districtwise GK in Hindi)
छतरपुर जिले में 11 तहसीलें – छतरपुर, राजनगर, लवकुशनगर, गौरिहार, नौगांव, बिजावर, बडामलेहरा, महाराजपुर, बकस्वाहा, धूवारा, चंदला शामिल है।
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भौगोलिक स्थिति – छतरपुर जिले की भौगोलिक स्थिति
छतरपुर जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल 8687 वर्ग किलोमीटर है। म.प्र. में छत्तरपुर क्षेत्रफल की दृष्टि से 7 वें स्थान पर है। छतरपुर जिले की सीमा उत्तर में उत्तरप्रदेश, पूर्व में पन्ना, दक्षिण में सीहोर, दक्षिण-पश्चिम में सागर तथा पश्चिम में टीकमगढ़ जिले के साथ लगती है।
छत्तरपुर जिला भौगौलिक दृष्टि से अक्षांतर स्थिति – 24o06′ से 25o20′ उत्तर तथा देशांतर स्थिति – 78o59′ से 80o26′ पूर्व पर स्थित है। छतरपुर जिले (Chhatarpur Jile) से राष्ट्रीय राजमार्ग NH – 75 और NH – 86 गुजरते है।
जिले में सामान्य वर्षा औसत 90 मि.मी. तक होती है। गर्मियों में यहाँ का तापमान लगभग 45 डिग्री सेल्सियस ऊपर और सर्दियों में 6 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है।
मिट्टियाँ एवं कृषि – छतरपुर जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि
जलोढ़ मिट्टी – छतरपुर जिले में जलोढ़ मिट्टी पायी जाती है।
कृषि – गेहूँ छत्तरपुर जिले में उगाये जाने वाली प्रमुख फसल है। इसके अलावा जिले में पेपरमिंट की फसल भी उगाई जाती है।
पशुपालन – पशुपालन विभाग द्वारा जिले में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नंदी शाला योजना और समुन्नत पशु प्रजनन योजनाएं चलाई जा रही है। इसके अलावा प्रत्येक वर्ष गोकुल महोत्सव का आयोजन एवं गोपाल पुरस्कार योजना के अंतर्गत गायों के दुग्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है तथा पुरस्कार वितरण किया जाता है। छतरपुर जिले में मछली पालन भी किया जाता है।
छतरपुर जिले की प्रमुख नदियाँ
- केन नदी
- उर्मिल नदी
- धसान नदी
- सुनार नदी
छतरपुर जिले में बहने वाली प्रमुख नदियाँ केन, धसान, सुनार और उर्मिल है। उर्मिल नदी जिले के महाराजपुर से निकलती है। यह केन नदी में जाकर गिरती है।
केन नदी का उद्गम कटनी जिले से हुआ है। केन नदी का प्राचीन नाम शुक्तिमती नदी है।
सिंचाई एवं परियोजनाएं
केन-बेतवा लिंक परियोजना – राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना के अंतर्गत निर्मित केन-बेतवा लिंक देश के पहली महत्वकांक्षी राष्ट्रीय परियोजना है। ग्रेटर गंगऊ के नाम से जाने जानी वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की संयुक्त परियोजना है। इस परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा सकती है।
केन-बेतवा लिंक परियोजना से प्रदेश के छतरपुर, रायसेन, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, पन्ना, सागर, दतिया, शिवपुरी, विदिशा जिले लाभांवित है। इस परियोजना से 103 मेगा वाट जल विद्युत और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न होती है।
उर्मिल परियोजना – उर्मिल नदी पर बनी यह परियोजना म. प्र. और उत्तरप्रदेश की संयुक्त परियोजना है। इस परियोजना से छतरपुर और उसके आसपास के जिले लाभान्वित है। इस परियोजना में म. प्र और उ.प्र. का 60:40 जल अनुपात बंटवारा है।
नरगवां परियोजना – यह मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की संयुक्त परियोजना है जिसका निर्माण केन नदी पर पर किया जा रहा है। इस परियोजना से जिले की 16,190 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा सकती है।
वन एवं वन्यजीव – District Chhatarpur
छतरपुर जिले में सामान्य बारिश होने की वजह से पेड़ से पत्ते गिर जाते है। जिले में सागौन, शीशम, नीम, पीपल आदि के वृक्ष पाए जाते है। यहाँ के जंगलों में बाघ, जंगली कुत्ते, चीतल, लोमड़ी, नीलगाय, हिरन, लंगूर आदि वन्यजीव पाए जाते है।
राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण – जिला छतरपुर
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान – पन्ना नेशनल पार्क मध्यप्रदेश के पन्ना और छतरपुर जिले के मध्य में स्थित है। वर्ष 1981 में इसकी स्थापना की गई तथा वर्ष 1994 में इसे टाइगर रिज़र्व के अंतर्गत सम्मिलित किया गया। पन्ना नेशनल पार्क देश का दूसरा सारिस्का राष्ट्रीय उद्यान है।
केन अभ्यारण्य – इस अभ्यारण्य की स्थापना वर्ष 1981 में की गई थी। केन अभ्यारण्य में घड़ियाल, मगरमच्छ एवं गिध्दों का संरक्षण किया जाता है।
खनिज सम्पदा एवं उद्योग – छतरपुर जिले में
- पायरोफ्लाइट
- रॉक फॉस्फेट
छतरपुर जिले में पायरोफ्लाइट एवं रॉक फॉस्फेट खनिज सम्पदा पाई जाती है। छतरपुर जिले में उच्च स्तर के पायरोफ्लाइट खनिज की कई खदानें है।
उद्योग – छतरपुर जिले के चंदरपुरा क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र बनाया जा रहा है। जिले में स्थानीय लोग फर्नीचर उद्योग के कई कारखाने संचालित करते है। यहाँ के प्रमुख उद्योगों में तांबे के बर्तन, लकड़ी का सामान और साबुन बनाया जाता है।
छतरपुर जिले में जनजाति
छतरपुर जिले में सौर एवं खैरवार जनजाति निवास करती है।
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छतरपुर जिले की बोलियां एवं मेले –
जिले क्षेत्र में बुंदेली भाषा बोली जाती है।
मऊ सहानिया का मेला – प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर छतरपुर जिले के मऊ सहानिया ग्राम में जगत सागर तालाब के पास मेला आयोजित होता है।
छतरपुर जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल –
- खजुराहो
- कंदरिया महादेव मंदिर
- महाराजा छत्रसाल की समाधि
- चौसठ योगिनी मंदिर खजुराहो
- नंदी मंदिर
- केन अभ्यारण्य
- वामन मंदिर
- पार्वती मंदिर
- चित्रगुप्त मंदिर
- लक्ष्मण मंदिर
- दुलदेव मंदिर
- चतुर्भुज मंदिर
- धुबेला संग्रहालय
जिले के प्रमुख संग्रहालय –
महाराजा छत्रसाल संग्रहालय – छतरपुर जिले के धुबेला में वर्ष 1955 में स्थापित किया गया था। इस संग्रहालय में पाषाण की योगिनी प्रतिमाओं का अनूठा संग्रह है। संग्रहालय में लगभग 2000 सिक्के भी स्थापित है। इस संग्रहालय की स्थापना महाराज छत्रसाल द्वारा करायी गयी थी।
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Chhatarpur DISTRICT के प्रमुख तथ्य –
- छतरपुर जिले का अंगोरा हीरा भंडार के लिये प्रसिद्ध है।
- धुबेला मे पांडव प्रपात, बेनी सागर, रंगम झील है।
- सोनार और केन नदियां छतरपुर जिले बहती है|
- छतरपुर जिले के धुबेला में पुरातात्विक म्यूजियम है।
- भीमकुण्ड छतरपुर जिले में स्थित है ऐसा कहा जाता है कि जब एशिया महाद्वीप में कोई प्राकृतिक आपदा आने वाली होती है तो इस कुंड का जलस्तर पहले से बढ़ने लगता है।
- छतरपुर जिले का नाम महाराजा छत्रसाल के नाम पर पड़ा।
- खजुराहो मंदिरों का निर्माण 950 ई. से 1050 ईस्वीं के बीच चन्देल राजाओं के द्वारा करवाया गया।
- चंदेल शासकों की राजधानी होने के कारण छतरपुर जिले को जेजाकभुक्ति के नाम से भी जाना जाता है।
- छतरपुर जिले में राव सागर, प्रताप सागर और किशोर सागर तालाब है।
- जिले के अंगौर नामक क्षेत्र में हीरा खदान होने के साक्ष्य मिले है।
- वर्ष 1986 में खजुराहो को यूनेस्को ने विश्व विरासत की सूची में शामिल किया था।
- महाराज छत्रसाल का समाधि स्थल धुबेला महल में है।
MP District wise GK – Other District
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