जिला देवास District Dewas महत्वपूर्ण MP GK – म.प्र. जिलेबार सामान्य ज्ञान

जिला देवास – म.प्र. की जिलेबार (MP District Wise GK in Hindi) सामान्य ज्ञान

जिले का नाम जिला देवास (District Dewas)
गठन 1956
तहसील देवास, सोनकच्छ, टोंकरवुर्द, खातेगांव,
हाटपिपिल्या, सतवास, कन्नौद, बागली, उदयनगर
पड़ोसी जिलों के साथ सीमा सीहोर, शाजापुर, उज्जैन, इंदौर, पश्चिमी निवाड़, पूर्वी निवाड़
जनसँख्या (2011)15,63,715
साक्षरता दर (2011)69.35%
भौगोलिक स्थिति स्थिति अक्षांतर 2317’ से 2420’ उत्तर
देशांतर 7555’ से 7708’ पूर्व स्थिति

जिला-देवास, उज्जैन संभाग के अंतर्गत आता है। मध्यप्रदेश में जबलपुर, इंदौर के बाद तीसरा सबसे बड़ा उज्जैन संभाग है।

उज्जैन संभाग में 7 जिले आते है-

  1. उज्जैन (District Ujjain)
  2. देवास (District Dewas)
  3. शाजापुर (District Shajapur)
  4. आगर मालवा (District Agar Malwa)
  5. रतलाम (District Ratlam)
  6. मंदसौर (District Mandsaur)
  7. नीमच (District Neemach)

Dewas District MP GK Factदेवास जिले के महत्वपूर्ण जी.के.फैक्ट

MP General Knowledge - म.प्र. जिलेबार सामान्य ज्ञान - जिला देवास

देवास जिले का इतिहास

भारत के प्राचीन ग्रंथों में ‘देव वास’ के नाम से जानने वाले देवास जिले की स्थापना 1956 में हुई थी|

तहसील – देवास (MP Districtwise GK in Hindi)

देवास जिले में 9 तहसीलें देवास, सोनकच्छ, टोंकरवुर्द, खातेगांव, हाटपिपिल्या, सतवास, कन्नौद, बागली, उदयनगर है|

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भौगोलिक स्थिति – देवास जिले की भौगोलिक स्थिति

देवास जिले का क्षेत्रफल 7020 वर्ग किलोमीटर है| यह क्षेत्रफल की द्रष्टि से मध्यप्रदेश का 17 वां जिला है। देवास जिला अक्षांतर 2317’ से 2420’ उत्तर तथा देशांतर 7555’ से 7708’ पूर्व स्थिति पर स्थित है।

देवास जिले की सीमा मध्यप्रदेश के पूर्व में सीहोर, उत्तर पूर्व में शाजापुर, उत्तर में उज्जैन, पश्चिम में इंदौर, दक्षिण पश्चिम में पश्चिमी निवाड़ और दक्षिण में पूर्वी निवाड़ जिलों के साथ लगी है|

Dewas District से राष्ट्रीय राजमार्ग NH-3, NH-86 तथा NH-59A होकर गुजरते है|

देवास जिले में पहले गर्मियों में तापमान 30 डिग्री तक रहता था लेकिन अब जलवायु परिवर्तन के कारण 45 सेंटीग्रेड तक चला जाता है| सर्दियों में 4सेल्सियस तक नीचे पहुँच जाता है| देवास जिले और आसपास के क्षेत्र में लगभग 155 से.मी. वार्षिक बर्षा होती है|

मिट्टियाँ एवं कृषि – देवास जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि

देवास जिले में अधिकतर काली मिट्टी पाई जाती है|

कृषि – देवास जिले में उच्च कोटि के सोयाबीन की फसल उगाई जाती है|

पशुपालन – म.प्र. शासन पशुपालन विभाग द्वारा दुग्ध उत्पादन, पशुओं की देखभाल व पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए पशुधन संजीवनी योजना चलायी जा रही है| इस योजना में पशुओं का निशुल्क उपचार एवं देखभाल की जाती है|

देवास जिले की प्रमुख नदियाँ

  • कालीसिंध नदी
  • नर्मदा नदी
  • क्षिप्रा नदी
  • गंभीर नदी

देवास जिले की प्रमुख नदी काली सिंध का उद्गम जिले के बागली गांव के निकट विध्यांचल से हुआ है| काली सिंध नदी की कुल लम्बाई 150 किलोमीटर है| यह चम्बल नदी की सहायक नदी है| शाजापुर और राजगढ़ से बहती हुई काली सिंध नदी राजस्थान के झालावाड़ और कोटा जिलों में प्रवाहित होती हुई नौनेरा नामक स्थान पर चम्बल नदी में मिल जाती है|

सिंचाई एवं परियोजनाएं

भांडेर नहर परियोजना –

नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना

वन एवं वन्यजीव – District Dewas

देवास जिले में उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन क्षेत्र पाए जाते है| देवास जिले के वनों में विशिष्ट प्रजाति की वन संपदा जैसे औजैनिया, टैक्योना, तार्मिलिया, और डेल्बेग्रिया नमक वृक्ष है।

यहाँ के वनों में हाल ही में बाघिन एवं शावक, हाटपिपल्या के पास पाए गए इसके अलावा कृष्ण म्रग, चिंकारा, नीलगाय आदि वन्य जीव प्रजातियाँ पाई जाती है|

राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण – देवास

खिवनी अभ्यारण्य –

खिवनी अभ्यारण प्रदेश के देवास और सीहोर डिस्ट्रिक्ट में स्थित है| इस अभ्यारण की स्थापना 1955 में की गई थी। यह लगभग 135 वर्ग किलोमीटर में फैला है| जामनेर नदी, जो नर्मदा नदी की सहायक नदी है इस अभ्यारण्य से होकर बहती है|

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खनिज सम्पदा एवं उद्योग – देवास जिले में

तांबा

देवास जिले में तांबा खनिज पाया जाता है| तांबा अत्यंत विद्युत का सुचालक है| इसका उपयोग बिजली के उपकरणों में बहुत किया जाता है| 

उद्योग – ओद्योगिक क्षेत्र में देवास में लेदर काम्प्लेक्स, टाटा एक्सपोर्ट्स, मोजडी, कार्पेट, चमड़े का काम जैसे बैग, लेडीज पर्स, जूते, कोट, रेनबेक्सी, गजरा गीयर्स आदि बड़े उद्योग स्थापित है। कुछ वर्षों से देवास जिला आधुनिक औद्योगिक के क्षेत्र में प्रगति पर है|

जिले में सोयाबीन का तेल निकालने की कई फैक्ट्रियां स्थापित है|

देवास जिले में भारत सरकार, वित्त मंत्रालय, आर्थिक औद्योगिक इकाई बैंक प्रेस नोट, देवास है जो 20रु., 50रु., 100रु. और 500रु. मूल्य के बैंक नोट का मुद्रण कर रही है। देवास बैंक प्रेस नोट की संकल्पना वर्ष 1969 में तथा इसकी स्थापना 1974 में की गई थी|

देवास जिले में जनजाति

कोरकू जनजाति – ‘मानवों का समूह’

देवास जिले क्षेत्र में कोरकू जनजाति निवास करती है, यह जनजाति सतपुड़ा पर्वत क्षेत्रों में पाई जाती है| देवास जिले के अलावा कोरकू जनजाति म. प्र. के होशंगाबाद, बैतूल, छिंदवाडा, सिवनी, जिले के आसपास के एरिया में निवास करती है|

देवास जिले की बोलियां एवं मेले –

मालवी

बोली – देवास एवं उसके आसपास के क्षेत्र में मालवी भाषा बोली जाती है। यह मूल रूप से मारवाड़ी से सम्बंधित है। इसका विकास शौरेसेनी अपभ्रंश से हुआ है।

यहाँ विशुद्ध रूप से देवास, इंदौर, उज्जैन, रतलाम और धार जिले में बोली जाती है|

मेला – देवास माता का मेला

देवास जिल में नवरात्रि के पर्व पर सड़कों दुर्गा माता की मूर्ति जिले के प्रत्येक भाग में स्थापित की जाती है और गरबा नृत्य किया जाता है| यहाँ माता चामुंडा की प्रसिद्ध टेकरी है| इसी पर्व पर वृहत पैमाने पर देवास माता का मेला लगता है|

देवास जिले के लोक नृत्य

मटकी नृत्य – इस नृत्य में झेला कहलाने वाली अकेली महिला पारंपरिक मालवी कपड़े पहनकर और चेहरे पर घूंघट ओढ़े प्रारंभ करती है|
बाद में अन्य नर्तकियां शामिल हो जाती है| इस ढोल को स्थानीय स्तर पर मटकी कहते है|

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देवास जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल –

  • देवास माता का मंदिर
  • पंवार छत्री
  • कांवड़िया हिल्स
  • कैला देवी मंदिर
  • महादेव मन्दिर
  • श्री मणिभद्र मंदिर
  • सयाजी गेट
  • शुक्रवारीया गेट
  • पठान कुआँगेट
  • नाहर गेट
  • गीदिया खोह
  • ग्रेस चर्च

जिले के प्रमुख संग्रहालय –

जिला पुरातत्व संग्रहालय, देवास – इस संग्रहालय की स्थापना 1988 में की गयी थी| इस संग्रहालय में मुख्यत: शैव, शाक्त, वैष्णव, जैन प्रतिमाएं एवं मराठा कालीन कलाएं संगृहीत है|

स्थानीय संग्रहालय, गंधर्वपुरी – इस संग्रहालय में परमार कालीन पाषण प्रतिमाओं का संकलन है| इसकी स्थापना वर्ष 1964 में गंधर्वपुरी संग्रहालय के नाम से की गयी|

Dewas DISTRICT के प्रमुख तथ्य –

  • देवास जिले (Dewas District) का प्राचीन नाम देवीदास है जिसे मां चामुण्डा की नगरी कहा जाता है| Dewas Jile में तलुजा भवानी मां का भी मंदिर है|
  • Dewas District को 5 विधानसभा सीटों में विभाजित किया गया है जो सोनकच्छ, देवास, हाट पिपल्या, खातेगांव और बागली है।
  • देवास छः जिलों से घिरा है। यह पहले  संगीत साधना  के रूप में प्रसिद्ध था|
  • पंडित कुमार गन्धर्व देवास से जुडे है|
  • Dewas Jila ब्रिटिश साहित्‍यकारों का भी निवास स्‍थान रहा है। अंग्रेज उपन्‍यासकार फास्‍टर ने ए पेसेज टू इंडिया नामक किताब लिखी थी|
  • देवास जिले के दक्षिण में नर्मदा और पश्चिम के क्षिप्रा नदी बहती है|
  • हाट पिपल्या मुख्‍यमंत्री जोशी का मूल स्‍थान रहा है|
  • नेमावार नर्मदा के तट पर प्रसिद्ध पवित्र हिन्‍दु स्‍थान है। यहाँ पर प्रतिवर्ष मेला लगाता है|
  • देवास थाना म. प्र. का पहला ISO प्रमाण पत्र पाने वाला थाना है।
  • देवास में प्रतिवर्ष कांकड़ा कृषि मेला लगता है|

  • देवास के धराजी में सीता जी की कुटिया है|
  • जिले को कलाओं का घर कहा जाता है।
  • लेदर कम्‍पलेक्‍स देवास ओर बैंक नोट प्रेस देवास में है|
  • यहाँ पर चामुंडा देवी मंदिर और सयाजी द्वार, जिसे ‘गेटवे ऑफ़ देवास‘ कहा जाता है। .
  • देवास को म. प्र. का प्रथम बायो डीजल जिला घोषित किया गया।
  • देवास जिले में प्रमुख नदियां काली सिंध, गंभीर, क्षिप्रा, नर्मदा है|

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मुरैनाभिण्डश्योपुरग्वालियर
दतियाशिवपुरीगुनाअशोकनगर
भोपालसीहोररायसेनविदिशा
राजगढ़उज्जैनदेवासशाजापुर
आगर मालवारतलाममंदसौरनीमच
इंदौरधारझाबुआअलीराजपुर
बड़वानीखरगोनखण्डवाबुरहानपुर
सागरदमोहछतरपुरपन्ना
टीकमगढ़निमाड़ीरीवासतना
सीधीसिंगरौलीशहडोलउमरिया
अनूपपुरजबलपुरनरसिंहपुरछिंदवाड़ा
बालाघाटमण्डलाडिंडोरीसिवनी
कटनीबैतूलहरदानर्मदापुरम

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