जिला गुना – म.प्र. की जिलेबार (MP District Wise GK in Hindi) सामान्य ज्ञान
जिले का नाम | जिला गुना (District Guna) |
गठन | 1956 |
तहसील | गुना, बमोरी, चाचौड़ा, कुम्भराज, राधौगढ़, आरोन, मकसूदगढ़ |
पड़ोसी जिलों के साथ सीमा | शिवपुरी, अशोकनगर, राजगढ़, भोपाल |
राज्यों के साथ सीमा | राजस्थान ( झालावाड़, बारां ) |
जनसँख्या (2011) | 12,41,519 |
साक्षरता दर (2011) | 63.2% |
भौगोलिक स्थिति | अक्षांतर स्थिति – 23o 54′ से 25o 06′ उत्तर देशांतर स्थिति – 76o48′ से 77o 28′ पूर्व |
जिला-गुना, ग्वालियर संभाग में आता है| ग्वालियर संभाग के अंतर्गत 5 जिले आते है-
- ग्वालियर (Gwalior District)
- दतिया (Datia District)
- शिवपुरी (Shivpuri District)
- गुना (Guna District)
- अशोकनगर (Ashoknagar District)
गुना जिले का इतिहास History Of Guna District
मालवा का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला जिला गुना, ग्वालियर संभाग में आता है। गुना प्राचीन काल में अवंति राज्य का हिस्सा था जिसकी स्थापना चंदप्रद्योत महासेना ने की थी। 18 वी शताब्दी में यह मराठा सेनापति रामोजी राव सिंधिया के आधिपत्य में आ गया। 1895 से पूर्व अहीरवाड़ा की राजधानी ईसागढ़ में ही गुना एक छोटा सा गांव था।
वर्ष 1937 में ईसागढ़ के स्थान पर जिले का नाम गुना कर दिया गया तथा ईसागढ़ और बजरंग गढ़ को तहसील बनाया गया। इन तहसीलों को बाद में क्रमश: अशोकनगर गुना तहसील के रूप में परिवर्तित किया गया।
स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1948 में गठित मध्य भारत प्रांत के 16 जिलों में एक गुना था। राधौगढ़ को वर्ष 1948 में तहसील बनाया गया था। यह जिला समुद्र तल से लगभग 476 मीटर ऊंचाई पर बसा है। नवीन मध्य प्रदेश की स्थापना के समय 1956 में गुना म.प्र. का जिला बना था।
वर्ष 2003 में गुना जिले से अलग करके अशोकनगर को नया जिला बना दिया गया।
तहसील – गुना (MP Districtwise GK in Hindi)
गुना जिले में 7 तहसील – गुना, बमोरी, चाचौड़ा, कुम्भराज, राधौगढ़, आरोन, मकसूदगढ़ तहसीलें है।
भौगोलिक स्थिति – गुना जिले की भौगोलिक स्थिति तथा जलवायु
गुना जिला म. प्र. के उत्तर में स्थित है। जिले का क्षेत्रफल 6390 वर्ग किलोमीटर है। यह क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश का 21 वां जिला है। गुना जिले के पूर्व में अशोकनगर जिला, उत्तर-पूर्व में शिवपुरी जिला, दक्षिण में राजगढ़ एवं भोपाल तथा पश्चिम में राजस्थान राज्य है।
गुना भौगोलिक दृष्टि से अक्षांतर स्थिति – 23o 54′ से 25o 06′ उत्तर एवं देशांतर स्थिति – 76o48′ से 77o 28′ पूर्व पर स्थित है। गुना जिले से राष्ट्रीय राजमार्ग NH-3 होकर गुजरता है।
जिले की जलवायु ठंडी और शुष्क है। जून के महीने में औसत तापमान 44 डिग्री तक तथा सर्दियों में औसत तापमान 5-8 डिग्री तक पहुँच जाता है।
मिट्टियाँ एवं कृषि – गुना जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि
गुना जिले में काली मिटटी पायी जाती है। काली मिट्टी में लोहा और चुना पाया जाता है तथा इस मिट्टी में जल धारण की क्षमता सबसे अधिक होती है। काली मिट्टी का निर्माण ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा के जमने से होता है। लोहे की अधिकता के कारण इसका रंग काला होता है।
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गुना जिले में मुख्य रूप से ज्वार का उत्पादन किया जाता है। इसके अलावा यहाँ गेहूँ और चने की खेती भी होती है।
पशुपालन में गाय और भैंस मुख्य रूप से पाई जाती है। जिले में मवेशी पालन उद्योग के रूप में दूध उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है।
गुना जिले की प्रमुख नदियाँ
- पार्वती नदी
- सिंध नदी
गुना जिले की प्रमुख नदियां पार्वती नदी तथा सिंध नदी है। पार्वती नदी, सिंध नदी की सहायक नदी है। सिंध नदी गुना और अशोकनगर के बीच से होकर उत्तर दिशा की ओर प्रवाहित होती है। पार्वती नदी नदी राजस्थान और गुना जिले की सीमा बनती है।
सिंचाई एवं परियोजनाएं
यहाँ पार्वती नदी के किनारे कुंभराज, आरोन और सुठालिया परियोजना के नाम पर बांध बनाना प्रस्तावित है। जिससे चाचौड़ा-बीनागंज क्षेत्र के लगभग 65000 किसान लाभन्वित होंगे।
वन एवं वन्यजीव – District Guna
गुना जिले में 200 हेक्टेयर जमीन पर संरक्षित वन क्षेत्र बनाया जायेगा। यह संरक्षित क्षेत्र राष्ट्रीय पार्क और सेंचुरी की तरह ही होगा।
जिले में उष्ण कटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन मुख्य रूप से पाए जाते है।
खनिज सम्पदा एवं उद्योग – गुना जिले में
- डायस्पोर
जिले में कुछ मात्रा में डायस्पोर मिलता है।
गुना जिले में ज्यादा औद्योगिक क्षेत्र नहीं है, लेकिन यहाँ साईकिल उद्योग का तेजी से विकास हुआ है।
गुना जिले में जनजाति
म. प्र. की पांचवी सबसे बड़ी जनजाति सहरिया गुना जिले में निवास करती है। सहरिया जनजाति मुरैना, भिंड, ग्वालियर, और शिवपुरी में भी निवास करती है।
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गुना जिले की बोलियां एवं मेले –
गुना और उसके आसपास के क्षेत्रों में बुंदेली और सहरियाई भाषा बोली जाती है।
तेजाजी का मेला: गुना जिले के भामावड़ में तेजाजी का मेला लगभग 100 वर्षों से अधिक समय से लगता है। यह मेला तेजाजी की जयंती पर निमाड़ जिले और गुना जिले में भाद्रपद शुक्ल दशमी के दिन आयोजित होता है। ऐसा कहा जाता है कि तेजाजी के पास एक ऐसी शक्ति थी जो सांप के काटने पर उसके जहर को ख़त्म कर देती थी।
गुना जिले के प्रमुख लोकनाट्य
कातिकिया नृत्य: गुना जिले का प्रसिद्ध नृत्य कातिकिया नृत्य है। यह नृत्य त्यौहार में, कार्तिक स्नान के समय, लीलाओं में तथा स्त्रियों व लड़कियों द्वारा किया जाने वाला नृत्य है।
गुना जिले से प्रकाशित पत्र-पत्रिकाएँ
वीर अभिमन्यु – गुना से प्रकाशित
गुना जिले में प्रमुख पर्यटन स्थल –
- गोपी कृष्ण सागर डैम
- बजरंगगढ़ का किला
- पंचमुखी हनुमान मंदिर (टेकरी सरकार)
- बीस भुजा मंदिर देवी
- राम जानकी मंदिर बमौरी
- खैरोदा मंदिर बमौरी
- क्राइस्ट द किंग चर्च
- निहाल देवी मंदिर
- संतोषी माता मंदिर नई सड़क गुना
- पाटई हनुमान जी मंदिर
- टुका श्री हनुमान मंदिर राधौगढ़
- जैनागढ़
- राधौगढ़
बजरंगगढ का किला (Bajrang Garh Fort) –
गुना जिले का बजरंगगढ एतिहासिक रूप में जाना जाता है। 18 वीं सदी में मराठा शासकों के द्वारा 1775 में काले पत्थरों से इसका निर्माण कराया गया था। आरोन रोड पर स्थित बजरंगगढ का किला झरकोन के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ पर जैन तीर्थ भी है।
राधौगढ़ का किला –
गुना की राधौगढ़ तहसील पूर्व मे राधौगढ़ रियासत थी। यहां पर 350 वर्ष पुराना किला है जिसका निर्माण संभवत खींची राजा लालसिंह ने करवाया था।
गोपी कृष्ण सागर डैम –
यह गुना शहर से 8 किमी दूर स्थित बहुत ही लोकप्रिय पर्यटक स्थल है।
विजयपुर –
NH – 3 पर स्थित विजयपुर में नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड की चार इकाइयों में से एक यहां पर है, तथा गैल इंण्डिया (गैस आधारित उर्वरक कारखाना) का कारखाना भी स्थित है। हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर गैस पाइप लाइन भी जिले से होकर गुजरती है।
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GUNA DISTRICT के प्रमुख अन्य महत्वपूर्ण तथ्य –
- पार्वती नदी के किनारे बसा गुना अपने ऐतिहासिक और सामरिक महत्व के साथ पर्यटन के लिये भी महत्वपूर्ण है। कृषि जिले का मुख्य व्यवसाय है।
- गुना जिले में धनिया का उत्पादन सर्वाधिक मात्रा में होता है।
- गुना के बजरंगगढ़ किले की प्रसिद्धी झारकोन के रूप में भी है। यह हिन्दु और जैन धर्म व जैन तीर्थ क्षेत्र से संबंधित स्थल है।
- Guna Jile को मालवा और चम्बल का प्रवेश द्वार कहा जाता है।
- गुना जिला पार्वती और बेतवा नदी के बीच में स्थित है।
- Guna District में भू-उपग्रह संचार अन्वेषण व आदिवासी शोध संचार केंद्र है।
- बीस भुजा का प्रसिद्ध मंदिर गुना जिले में है।
- तेजाजी का प्रसिद्ध मेला गुना में लगता है।
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