जिला इंदौर – म.प्र. की जिलेबार सामान्य ज्ञान (MP District Wise GK in Hindi)
जिले का नाम | इंदौर (Indore District) |
---|---|
गठन | 01 नवंबर 1956 |
तहसील | जूनी इन्दौर, सांवेर, देपालपुर, हातोद, कनाडिया, बिचौली हप्सी, मल्हारगंज, खुडैल, राऊ, डॉ अम्बेडकर नगर (महू) |
इंदौर जिले के साथ सीमा | उज्जैन, देवास, खरगौन, धार, |
जनसँख्या (2011) | 32,76,697 |
साक्षरता दर (2011) | 80.9% |
भौगोलिक स्थिति | अक्षांतर स्थिति – 22o22′ से 23o34′ उत्तर देशांतर स्थिति – 75o27′ से 76o14′ पूर्व |
- इंदौर जिले के बारे में | General knowledge of Indore district
- इंदौर जिले का इतिहास
- इंदौर जिले में कितनी तहसीलें है?
- इंदौर जिले की भौगोलिक स्थिति –
- इंदौर जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि –
- इंदौर जिले की प्रमुख नदियाँ –
- सिंचाई एवं परियोजनाएं
- वन एवं वन्यजीव – District Indore
- राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण – इंदौर
- खनिज सम्पदा एवं उद्योग – इंदौर जिले में
- इंदौर जिले की बोलियां एवं मेले –
- इंदौर जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल –
- जिले के प्रमुख संग्रहालय –
- Indore District GK Fact –
- इंदौर जिले के करंट अफेयर्स – 2021
- मध्यप्रदेश का सम्पूर्ण जिलेबार सामान्य ज्ञान –
इंदौर जिले के बारे में | General knowledge of Indore district
मध्य प्रदेश के राज्य गठन 1 नवंबर 1956 के समय इंदौर को जिला बनाया गया था। इंदौर जिला इंदौर संभाग के अंतर्गत आता है। इंदौर संभाग मध्यप्रदेश के जबलपुर संभाग के बाद दूसरा बड़ा संभाग है, जिसका मुख्यालय इंदौर में ही है। इंदौर संभाग के अंतर्गत 8 जिले आते है –
- इंदौर (Indore District)
- धार (Dhar District)
- झाबुआ (Jhabua District)
- अलीराजपुर (Alirajpur District)
- खंडवा (Khandwa District)
- खरगौन (Khargaun District)
- बुरहानपुर (Burhanpur District)
- बड़वानी (Barwani District)
इंदौर जिले का इतिहास
इंदौर जिले (Indore District) का पुराना (प्राचीन) नाम इंदरपुर था फिर इसका नाम इंदूर पड़ा था। मध्यप्रदेश की व्यवसायिक राजधानी इंदौर है। इन्दौर 1948 से 1956 तक मध्य भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में रहा है। यह होल्कर वंश की राजधानी अधिकतम रही थी। यह मालवा का केंद्रीय महत्व का स्थान था।
यह 16 वीं सदी में दक्षिण (दक्कन) और दिल्ली के मध्य एक व्यापारिक केन्द्र था। जमीनदारों ने इन्दौर को 1715 में नर्मदा नदी के घाटी मार्ग में स्थायी रूप से व्यापारिक केन्द्र बनाया था। 17 मई 1724 में इंदौर मराठा साम्राज्य में शामिल होने के बाद मालवा क्षेत्र पर पूर्ण रूप से मराठाओं का नियंत्रण हो गया।
बाजीराव पेशवा ने सन् 1733 में मालवा के दक्षिण-पश्चिम भाग में अधिकार कर इन्दौर को मल्हारराव होल्कर को पुरस्कार के रूप दे दिया। उसके बाद मल्हारराव होल्कर ने मालवा के दक्षिण-पश्चिम भाग में होल्कर राजवंश की स्थापना की और इन्दौर को राजधानी घोषित किया।
मल्हारराव होल्कर की मृत्यु के बाद अन्य दो अयोग्य शासकों ने राज्य किया। उसके बाद तीसरी शासिका अहिल्याबाई ने (1737-1795ई.) राजगद्दी संभाली। देवी अहिल्याबाई होल्कर ने 1767 में महेश्वर को राज्य की नई राजधानी बनाया।
जनवरी 1818 की लड़ाई में होल्कर, ब्रिटिश से युद्ध में हार गए और होल्कर साम्राज्य ब्रिटिश के अधीन हो गया और राजधानी महेश्वर से इंदौर लायी गयी।
मध्य भारत के गठन के बाद इंदौर को राजधानी बनाया गया। 1 नवंबर 1956 मध्यप्रदेश के गठन के बाद राजधानी को भोपाल स्थान्तरित कर दिया गया
इंदौर जिले में कितनी तहसीलें है?
इंदौर जिले में 10 तहसीलें शामिल है –
- जूनी इन्दौर
- सांवेर
- देपालपुर
- हातोद
- कनाडिया
- बिचौली हप्सी
- मल्हारगंज
- खुडैल
- राऊ
- डॉ अम्बेडकर नगर (महू)
यह जरूर पढ़ें: म.प्र. की प्रमुख पत्र-पत्रिकाएं एवं समाचार पत्र
इंदौर जिले की भौगोलिक स्थिति –
इंदौर जिले का क्षेत्रफल 3898 वर्ग किलोमीटर है। इन्दौर जिला क्षेत्रफल की द्वष्टि से मध्य प्रदेश का 43 वॉं जिला है। इंदौर जिले की सीमा पूर्व में देवास, पश्चिम में धार, उत्तर में उज्जैन तथा दक्षिण में खरगोन जिले के साथ लगी हैं। इंदौर जिला भौगोलिक दृष्टि से अक्षांतर स्थिति – 22o22′ से 23o34′ उत्तर और देशांतर स्थिति – 75o27′ से 76o14′ पूर्व में स्थित है।
मौसम/जलवायु
इंदौर का गर्मियों में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेंटीग्रेड तथा सर्दियों में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेंटीग्रेड तक गिर जाता है। यहां पर सामान्यत: लगभग 112 मि.मी. तक बारिश होती है।
इंदौर जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि –
इन्दौर जिले में लाल और काली मिट्टी पाई जाती हैं। Indore Jile काली मिट्टी गहरे रंग की दोमट मिट्टी भी पाई जाती है, जो सम्पूर्ण मध्य प्रदेश में लगभग 37 प्रतिशत क्षेत्र पर पाई जाती है।
कृषि – इन्दौर जिले में प्याज, गेहूं (किस्म लोक-1, चन्दोसी, 147) की खेती की जाती है।
पशुपालन –
इंदौर जिले की प्रमुख नदियाँ –
- चम्बल नदी
- चोरल नदी
- कान्ह नदी
- सरस्वती नदी
- गंभीर नदी
इंदौर जिले में मुख्य रूप से कान्ह, सरस्वती, गंभीर, चम्बल, चोरल नदियाँ बहती हैं। कान्ह नदी इंदौर के उमरिया गांव की काकरबडी पहाड़ी से निकलती (उद्गम) है। कान्ह नदी की इन्दौर में कुल लम्बाई 21 किलोमीटर है।
इंदौर जानापावा पहाड़ी से गंभीर नदी, चम्बल नदी का उद्गम होता है। गंभीर नदी दक्षिण से उत्तर की ओर बहती हुई उज्जैन में जाकर शिप्रा नदी में मिल जाती है।
चम्बल नदी का प्राचीन नाम चर्मवती नदी है। चम्बल नदी उत्तर-पूर्व की ओर बहते हुए उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में यमुना नदी में मिल जाती है। चम्बल नदी की लम्बाई 965 कि.मी. है। चम्बल नदी की सहायक नदियां – काली सिंध, पार्वती, बनास, पुनासा, क्षिप्रा, बामनी, छोटी कालीसिंध, कुनो, ब्राह्मणी, परवन नदियां हैं। चम्बल नदी भारत की सबसे बड़ी नदी है जो खड्डों और बीहडों का निर्माण करती हैं। चम्बल नदी मध्यप्रदेश के धार, उज्जैन, रतलाम, मन्दसौर, भिंड, मुरैना, श्योपुर जिलों से होकर निकलती है।
चोरल नदी का उद्गम जानापाव की पहाड़ी से होता है यह बडवाह के पास नर्मदा नदी में मिल जाती है।
सिंचाई एवं परियोजनाएं
चोरल परियोजना :- इस परियोजना से इन्दौर जिले की महू तहसील लाभान्वित है इसकी सिंचाई क्षमता 500 हेक्टेयर है।
यशवंत सागर बॉंध :- इस बांध का निर्माण गंभीर नदी पर वर्ष 1939 में किया गया था।
जरूर पढ़ें:- म.प्र. डेली | साप्ताहिक | मंथली करंट अफेयर्स डाउनलोड पीडीएफ | MP Current GK
वन एवं वन्यजीव – District Indore
इंदौर जिला क्षेत्र में उष्ण कटिबंधीय अद्धपर्णपाती वन पाये जाते हैं। जिले में वनों क्षेत्र कुल क्षेत्रफल 555 वर्ग कि.मी. है। इन वनों में सागवान, शीशम, साल, सेमल और चन्दन के पेड़ पाये जाते हैं। इस वन क्षेत्र में हिरन, तेंदूआ, नीलगाय, चीतल, मोर, लकड़बग्घा आदि वन्यजीव पाये जाते हैं।
राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण – इंदौर
रालामंडल वन्यजीव अभ्यारण :- यह मध्यप्रदेश का सबसे छोटा वन्य जीव अभ्यारण्य है इसकी स्थापना 1989 में की गई थी। इसका क्षेत्रफल 2.345 वर्ग किमी. हैं।
Read More:– म. प्र. का सम्पूर्ण सामान्य ज्ञान | करंट GK | जी.के.क्विज आदि
खनिज सम्पदा एवं उद्योग – इंदौर जिले में
खनिज –
डोलोमाइट :- जब चुना पत्थर में 45 प्रतिशत से अधिक मैग्नीशियम होता है, तो उसे डोलोमाइट कहते हैं। इसका उपयोग ढलाई व सीमेंट के कारखाने में किया जाता है। डोलोमाइट का भण्डारण में मध्य प्रदेश (27 प्रतिशत) प्रथम स्थान पर है। लेकिन उत्पादन में आंध्रप्रदेश का प्रथम स्थान है। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में डोलोमाइट का सबसे अधिक उत्पादन किया जाता है अन्य जिले : अलीराजपुर, इंदौर, सीधी, ग्वालियर, सतना, छिंदवाड़ा, मंडला, कटनी एवं जबलपुर आदि है।
उद्योग
इंदौर को ब्रिटिश काल में औद्योगिक शहर के रूप में विकसित किया गया था।आज यहां पर लगभग 5000 से अधिक छोटे – बडे उद्योग हैं।
इंदौर में इंटरनेशनल मेगा फर्नीचर क्लस्टर और इंदौर खिलौना क्लस्टर बनाया जा रहा है।
पीथमपुर (धार) औद्योगिक क्षेत्र जिसमें लगभग 400 से अधिक उद्योग हैं इनमें 100 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के उद्योग हैं। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को ‘’भारत का डेट्राइट’’ के नाम से भी जाना जाता है। इन्दौर में ही मध्य प्रदेश स्टॉक एक्सचेज स्थित है जो कि भारत का तीसरा सबसे पुराना शेयर बाजार है, सूचना प्रोद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए क्रिस्टल आईटी पार्क का निर्माण और विकास किया जा रहा है।
‘’स्मार्ट सिटी मिशन’’ में 100 शहरों में से इन्दौर को भी विकसित किया जाएगा, पहले चरण के अंतर्गत 20 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा।
इंदौर जिले की बोलियां एवं मेले –
बोलियाँ – इंदौर जिले में निमाड़ी एवं मालवी भाषा प्रचलित है।
मेला –
रंगपंचमी समारोह :- यह समारोह होली से रंगपंचमी तक पांच दिन तक मनाया जाता है, रंगारंग गैर शहर के मध्य राजबाड़ा, जेल रोड जैसी मुख्य सड़कों से जानी में घुले रंगों की बौछार करते हुए निकलती हैं, गुलाल उडाया जाता है।
अनंत चतुर्दशी की झॉंकियॉं :- यह 10 दिवसीय गणेशोत्सव अनंत चतुर्दशी के दिन पूर्ण होता है, जिसे गणेश विसर्जन दिवस के रूप में जाना जाता है, यह इंदौर नगर निगम, इंदौर विकास प्राधिकरण, प्रशासन, और तत्कालीन कपड़ा मिलों के निकायों – राजकुमार मिल, स्वदेशी मिल्स, हुकुमचंद मिल्स, इत्यादि के सहयोग से चल समारोह का आयोजन किया जाता है।
इंदौर जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल –
- लालबाग पैलेस
- कांच मंदिर
- बड़ा गणपति
- खजराना गणेश मदिर
- अन्नपूर्णा मंदिर
- बीजासन माता का मंदिर
- कृष्णपुरा की छतरियॉं
- हरसिद्धी मंदिर
राजवाडा पैलेस (राजवाड़ा महल)
Rajavada Palace 918 फुट लंबी और 232 फुट चौड़ी इमारत है, जिसके प्रवेश द्वार की ऊंचाई 6.70 मीटर है, यह हिंदू शैली के महलो की तरह है। राजवाडा पैलेस के अंदर होलकरों का दरबार था जिसे गणेश हॉल कहा जाता है जो कि फ्रेंच शैली में बनाया गया है, यह होलकर राजवंश की हवेली थी, जिसे लगभग 200 साल पहले बनाया गया था।
राजवाड़ा महल की वास्तुकला फ्रैंच, मराठा और मुगल शैली के कई रूपों व वास्तुशैलियों का मिश्रण हैं। यह अपने इतिहास में तीन बार जल चुका है। जिसमें अंतिमबार 1984 में आग लगी थी जिसके कारण इसको सर्वाधिक क्षति पहुंची है आज केवल बाहरी हिस्सा ही यथावत है।
अन्नपूर्णा मंदिर –
100 फीट से भी अधिक ऊंचाई वाले इस मंदिर का निर्माण 9 वीं शताब्दी में भारत और आर्य व द्रविड स्थापत्य शैली के मिश्रण से किया गया है।, यह मंदिर अन्नपूर्णा देवी को समर्पित है जिन्हें भोजन की देवी माना जाता है। यह विश्व प्रसिद्ध मदुरै के मीनाक्षी मंदिर से प्रेरित है। इस मंदिर का द्वारा चार बड़े हाथियों की मूर्ति सुसज्जित है।
इंद्रेश्वर महादेव मंदिर –
यह शहर का सबसे प्राचीन मंदिर इंद्रेश्वर महादेव का है। इसे चार हजार पांच सौ साल पुराना बताया जाता है। यह पंढरीनाथ थाने के पीछे स्थित है। इस मंदिर का उल्लेख शिव महापुराण में भी मिलता है। इस मंदिर के नाम से शहर का नाम इंदूर पड़ा और बाद में इसका नाम बदलकर इंदौर कर दिया गया।
पंढरीनाथ मंदिर विट्ठल (विष्णु) भगवान का मंदिर है –
इस मंदिर का निर्माण महाराजा मल्हारराव होलकर द्वितीय ने 1811 ई से 1833 के मध्य करवाया था यह मंदिर पंढरीनाथ थाने के सामने है।
जानापाव कुटी
यह पहाड़ घने जंगलों से घिरा हुआ है यह स्थान मालवा क्षेत्र का दूसरा सबसे ऊंचा स्थान माना जाता है। जानापावा भगवान परशुराम जी की जन्म स्थली है यहां पर हर कार्तिक पूर्णिमा पर मेला लगता है जो काफी प्रसिद्ध है।
बिजासन माता मन्दिर –
यह एक पहाड़ी पर स्थित है और देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय विमान क्षेत्र के समीप स्थित है। यह मंदिर अति प्राचीन मंदिर है।
महू ( डॉ. अम्बेडकर नगर)
डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर की जन्मभूमि है, यहां पर बाबा साहेब अम्बेडकर को समर्पित एक स्मारक है, बाबा साहेब का जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू में हुआ था।
खजराना मंदिर भगवान गणेश –
इस मंदिर का निर्माण 1735 में होलकर वंश की महारानी अहिल्याबाई ने करवाया था। पुरानी परम्परा के अनुसार श्रद्धालु इस मंदिर की तीन परिक्रमा लगाते हैं और दीवाल पर धागा बांधते हैं। इस मंदिर की प्रतिमा के बारे में कहा जाता है कि यह प्रतिमा पंडित मंगल भट्ट के सामने दिखी थी।
जिले के प्रमुख संग्रहालय –
केन्द्रीय संग्रहालय – इस संग्रहालय की स्थापना 1929 में की थी। यह संग्रहालय परमार काल से सम्बंधित है। जिसमें हिंगलाजगढ़ की प्रतिमाओं का संग्रह है जो देश और विदेशों में भी ख्याति प्राप्त कर चुका है।
- CPCT क्या है? सीपीसीटी की तैयारी कैसे करें,आवेदन, योग्यता, सिलेबस, स्कोरकार्ड
- MP Police Constable Old Paper 2023 Download Pdf in Hindi
- मध्यप्रदेश करंट अफेयर्स फरवरी 2023 | MP Current Affairs MCQ
- मध्यप्रदेश करंट अफेयर्स जनवरी 2023 | MP Current Affairs MCQ
- उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा एवं 20 उदाहरण | Utpreksha Alankar
- MP Current Affairs 2022 Pdf in Hindi | मध्यप्रदेश समसामयिकी 2022
- MP Current Affairs December 2022 Pdf in Hindi | दिसम्बर 2022 करंट अफेयर्स MCQ
- MP Current Affairs 16-30 November 2022 | म. प्र. करंट अफेयर्स 16 से 30 नवंबर 2022 तक
Indore District GK Fact –
- इंदौर को मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी एवं मिनी मुंबई कहा जाता है।
- एशिया का पहला लेसर किरण परमाणु ऊर्जा अनुसंधान केंद्र रमन्ना प्रगट प्रौद्योगिकी (RRT) संस्थान इंदौर में है।
- सर्वाधिक जनसंख्या वाला संभाग इंदौर है। इनफेंट्री स्कूल महू में है। यहाँ पर प्रथम रीजनल पार्क है|
- प्रथम पक्षी बिहार सिरपुर इंदौर में है|
- प्रसिध्द गायिका लता मंगेशकर का सम्बन्ध इंदौर जिले से है।
- भारत का मिलिट्री हेडक्वाटर ऑफ़ वार महू, इंदौर जिले में है|
- प्रथम जैविक खाद इकाई इंदौर जिले में है|
- म. प्र. का सबसे छोटा अभ्यारण रालामण्डल इंदौर जिले में है।
- आई आई एम (IIM) और आई आई टी(IIT) दोनो स्थान वाला एक मात्र भारत का शहर इंदौर है|
- राज्य की सबसे बडी युनिवर्सिटी देवी अहिल्याबाई इंदौर जिले में है|
- सर्वाधिक निजी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय इंदौर जिले में है|
- मध्य प्रदेश वित्त निगम और राज्य लोक सेवा आयेाग का मुख्यालय इंदौर में है|
- मेघदूत गार्डन, चाचा नेहरू उद्यान इंदौर जिले में है|
- इंदौर होल्कर राज्य की राजधानी 1818 में बनी थी|
- मध्य प्रदेश शेयरमार्केट रजनी भवन (Rajani Bhawan) इंदौर में है|
- दो जैन तीर्थ गोम्मटगिरी ओर हिंदी गिरी मंदिर इंदौर जिले में है|
- इंदौर जिले के देवगुराड़िया में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है, जिसके आंगन मे पवित्र कुण्ड है|
- पोलो ग्राउंड इंदौर जिले का ओद्यौगिक केंद्र है| ब्रिटिश काल में ये पोलो खेल का मैदान था|
- यशवंत सागर से इंदौर को जलप्रदान होता है|
- डॉ भीमराव अम्बेडकर जी की जन्म भूमि एवं सामाजिक शोध संस्थान इंदौर जिले में है|
- मध्यप्रदेश का एक मात्र वेटनरी कॉलेज इंदौर जिले में है|
- सिरपुर तालाब को पक्षी विहार घोषित किया गया है|
- जानापावा पहाड़ी से चंबल नदी निकलती है| यह परशुराम की कार्यस्थली भी मानी जाती है।
- इंदौर जिले से NH – 3, 59, 59ए, राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते है|
- Indore Jile से चंबल, क्षिप्रा, चोरल, सरस्वती नदियां बहती है|
इंदौर जिले के करंट अफेयर्स – 2021
- मध्यप्रदेश का इंदौर शहर लगातार पांचवी बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बन गया है।
- मध्यप्रदेश का पहला एडवांस आयुष वेलनेस सेण्टर इंदौर जिले में बनाया गया है।
- इंदौर शहर पहला आईटी हब बनेगा।
- मध्यप्रदेश में सबसे पहले जल जीवन मिशन की शुरुआत इंदौर के सांवेर से की गयी।
- इंटरनेशनल लॉजिस्टिक्स हब इंदौर में प्रस्तावित है।
- मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में प्रदेश का सबसे बड़ा ‘ओपन एयर ड्राइव इन थिएटर’ शुरू किया गया है।
- इंदौर जिले में चिकित्सा का अंतर्राष्ट्रीय महाविद्यालय खोला जायेगा।
- इंदौर में ड्रोन स्कूल खोला जायेगा।
- मध्यप्रदेश का पहला बोनमेरो ट्रांसप्लांट सेंटर इंदौर में स्थापित किया गया है।
- मध्यभारत का सबसे बड़ा कोविड-19 सेंटर इंदौर में बनाया जा रहा है।
- इंदौर में मेडिकल डिवाइस पार्क प्रस्तावित।
- देश का प्रथम फिश एक्वेरियम इंदौर में बनाया जायेगा।
- ‘कैच द रेन-2021’ अभियान मध्यप्रदेश के इंदौर जिले से चलाया गया।
- इंदौर में तितली पार्क बनाया जायेगा।
- ‘पक्षी तीर्थ दर्शन योजना’ की शुरूआत इंदौर से की गयी है।
- देश का दूसरा गणेश संग्रहालय इंदौर के खजराना गणेश मंदिर में बनाया जा रहा है।