जिला नीमच – म.प्र. की जिलेबार (MP District Wise GK in Hindi) सामान्य ज्ञान
जिले का नाम | जिला नीमच (District Neemuch) |
गठन | 30 जून 1998 |
तहसील | मनासा, रामपुरा, जावद, सिंगोली, जीरन, नीमच ग्रामीण, नीमच शहरी |
पड़ोसी जिलों के साथ सीमा | मंदसौर, राजस्थान के साथ |
जनसँख्या (2011) | 8,26,067 |
साक्षरता दर (2011) | 70.8% |
भौगोलिक स्थिति | अक्षांतर स्थिति – 24 o15′ से 25o02′ उत्तर देशांतर स्थिति – 74o43′ से 75o37′ पूर्व |
जिला-नीमच, उज्जैन संभाग के अंतर्गत आता है। मध्यप्रदेश में जबलपुर, इंदौर के बाद तीसरा बड़ा उज्जैन संभाग है।
30 जून 1998 को मंदसौर से अलग करके नीमच जिले (Neemuch District) को स्वतंत्र जिला बनाया गया था।
उज्जैन संभाग में 7 जिले आते है-
- उज्जैन (District Ujjain)
- देवास (District Dewas)
- शाजापुर (District Shajapur)
- आगर मालवा (District Agar Malwa)
- रतलाम (District Ratlam)
- मंदसौर (District Mandsaur)
- नीमच (District Neemuch)
नीमच जिले का इतिहास
यह ब्रिटिश साम्राज्य की सैन्य छावनी भी रहा था। भारत सरकार ने इसे CRPF की छावनी बनाया है|
नीमच क्षेत्र वर्ष 1968 से पहले उदयपुर राज्य का हिस्सा था। उसके बाद महाराजा राणा ने कर्ज की अदायकी में इसे सिंधिया साम्राज्य को दे दिया। ग्वालियर रियासत के समय 1862 में इसे सैन्य छावनी बनाया गया। नीमच छावनी राजपूताना, मालवा, तथा ग्वालियर की संयुक्त छावनी थी। यह 1794 और 1844 तथा 1965 में छोटी अवधि को छोड़कर ग्वालियर रियासत की ब्रिटिश छावनी रहा।
नीमच छावनी की 1857 के विद्रोह में प्रमुख भूमिका रही। यही से विद्रोह ने एक बड़ा रूप ले लिया था। नीमच में देशी बंगाल के सैनिकों की एक तैयार टुकड़ी ने दिल्ली में विद्रोह और मार्च किया।
यूरोपीय अधिकारियों ने यहाँ के किले में शरण ली, बाद में इन्हे मंदसौर के एक विद्रोही बल द्वारा घेर लिया था। मालवा के बल से इन्हे राहत मिलने तक इन्होने शहर को बचाया।
नीमच की छावनी 1895 से ब्रिटिश सेन्ट्रल इंडिया एजेंसी के एक राजनैतिक एजेंट का मुख्यालय रहा।
तहसील –नीमच (MP Districtwise GK in Hindi)
नीमच जिले में 7 तहसीलें – मनासा, रामपुरा, जावद, सिंगोली, जीरन, नीमच ग्रामीण, नीमच शहरी, है।
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भौगोलिक स्थिति – नीमच जिले की भौगोलिक स्थिति
नीमच जिले का क्षेत्रफल 4256 वर्ग किलोमीटर है। यह क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश का 41 वां जिला है। नीमच भौगोलिक दृष्टि से अक्षांतर स्थिति – 24 o15′ से 25o02′ उत्तर तथा देशांतर स्थिति – 74o43′ से 75o37′ पूर्व पर स्थित है।
गर्मियों में नीमच जिले का तापमान 45 डिग्री सेंटीग्रेड तथा सर्दियों में 5 डिग्री सेंटीग्रेड नीचे तक पहुंच जाता है। नीमच जिले में सालभर में औसत वर्षा 125 से. मी. तक होती है।
मिट्टियाँ एवं कृषि – नीमच जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि
काली मिट्टी – नीमच जिले में अधिकांशतः काली मिटटी पाई जाती है।
कृषि – नीमच जिला अफीम की खेती के लिए प्रसिद्ध है। म. प्र. के नीमच और मंदसौर जिले सर्वाधिक अफीम के उत्पादन के लिए जाने जाते है।
देश में सर्वाधिक अफीम की पैदावार नीमच और मंदसौर जिले में होती है। नीमच जिले की आर्थिक व्यवस्था पूर्ण रूप से कृषि पर आधारित है। जिले में गेहूं व कपास की खेती भी की जाती है।
पशुपालन – पशुपालन और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए नीमच जिले में 6 गौशालाओं का निर्माण किया गया है जिनमें प्रत्येक में 100 गायों को रखने की व्यवस्था बनाई गयी है।
नीमच जिले की प्रमुख नदियाँ
- चम्बल नदी
- रेतम नदी
चम्बल नदी – नीमच जिले की प्रमुख नदी चम्बल नदी है। इसे चर्मावती नाम से भी जाना जाता है। चम्बल नदी ‘जानापाव पहाड़ी’ बाचु पॉइंट महू से निकलती है। चम्बल नदी यमुना नदी की सहायक नदी है।
इसके आलावा जिले में 3 प्रमुख जलाशय – जाजूसागर, मोरवन, एवं चंबलेश्वर स्थित है।
सिंचाई एवं परियोजनाएं
गाँधी सागर बांध परियोजना – इस बांध का निर्माण कार्य (मंदसौर) वर्ष 1960 में पूर्ण हुआ। गाँधी सागर बांध परियोजना से 115 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।
राणाप्रताप सागर बांध परियोजना –
जवाहर सागर बांध परियोजना –
कोटा बैराज परियोजना –
वन एवं वन्यजीव – District Neemuch
यहाँ के वन क्षेत्रों में उष्ण कटिबंधीय शुष्क पर्णपाती प्रकार के वन पाए जाते है। इस प्रकार के वन क्ष्रत्रों में 25 से 75 से.मी. वर्षा होती है। जिलें में हर्रा, बबूल, शीशम, कीकर, तेंदू, आदि प्रकार की वनस्पतियां मुख्य रूप से पाई जाती है।
नीमच जिले के वन क्षेत्रों में तेंदुआ,नीलगाय, चिंकारा, चीतल, जलपक्षी आदि वन्य जीव की प्रजाति पाई जाती है।
खनिज सम्पदा एवं उद्योग – नीमच जिले में
अभ्रक – नीमच जिले में परतदार, हल्का चमकीला अभ्रक खनिज पाया जाता है। इसे ऊँचे तापमान पर गलाया जाता है। अभ्रक का प्रयोग विद्युत उद्योग में किया जाता है। अभ्रक खनिज विद्युत का कुचालक होता है। इससे औषधि, टेलीफोन, मोटर, बिजली, लालटेन में चिमनी आदि का निर्माण होता है।
उद्योग – एशिया का सबसे विशाल और भारत का दूसरा अफीम कारखाना और अल्कलॉइड के निर्माण का संयंत्र नीमच जिले में स्थापित है।
नीमच जिले में सीमेंट का उत्पादन भी बड़े स्तर पर होता है।
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नीमच जिले में जनजाति
भील जनजाति – भील जनजाति म. प्र. की सबसे बड़ी जनजाति है। यह म. प्र. में धार, झाबुआ, रतलाम, अलीराजपुर, मंदसौर, नीमच, बड़वानी, खंडवा, गुना आदि जिलों में पायी जाती है। यह मध्यप्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान राज्यों में भी पाई जाती है। भील जनजाति भारत में एक बड़े क्षेत्र में फैली हुई जनजाति है।
भील जनजाति प्रोटो ऑस्ट्रेलॉइड मानव जाति के समुदाय से सम्बंधित है। यह भीली भाषा बोलते है। इनको ‘भारत का बहादुर धनुष पुरुष’ कहा जाता है। भील जनजाति की उपजातियों – भीली, भिलाला, बरेला, पटालिया, रथियास, बेगास, उमड़ी आदि में से भिलाला सबसे बड़ी उपजाति है। भिलाला उपजाति के लोग स्वयं को महाराणा प्रताप के वंशज मानते है।
नीमच जिले की बोलियां एवं मेले –
बोलियां – नीमच जिले में मालवी बोली का प्रचलन है। मालवी भाषा विशुद्ध रूप से म. प्र. के इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, देवास, रतलाम, धार, आदि जिलों में बोली जाती है।
भादवा माता मेला – नीमच जिले में भादवा माता का मेला प्रसिद्ध है। यह मेला नवरात्री के अवसर पर लगता है। माँ भादवा माता की मूर्ति चाँदी के सिंहासन पर विराजमान है। माँ भादवा माता के मंदिर में पौराणिक काल से अखंड ज्योति का प्रज्वलन होता आ रहा है।
माँ भादवा के धाम में लकवा, नेत्रहीनता, कोढ़ आदि के रोगी ठीक होकर जाते है।
नीमच जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल –
- जीरन का किला
- अठाना राजमहल
- किलेश्वर महादेव
- भादवा माता का मंदिर
- जोगनिया माता का मंदिर
- ऑक्टरलोनी ईमारत
- डीकेन के पास गुदिया महादेव
- नव तोरण मंदिर
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Neemuch DISTRICT के प्रमुख तथ्य –
- नीमच जिला अफीम के उत्पादन के लिए जाना जाता है।
- नीमच जिले में एल्कोहल एलाइड फैक्टी है।
- भादवा माता का मंदिर है। यहाँ पर भीलों द्वारा पूजा की जाती है।
- नीमच डिस्ट्रिक्ट की आकृति मानव हृदय जैसी है।
- म. प्र. में सबसे पहले 1857 के विद्रोह की क्रांति की चिंगारी नीमच की सेना छावनी से भड़की थी।
- नीमच की प्रमुख नदी चंबल नदी है।
- झांतला गांव से सबसे पहले वर्ष 2001 में ग्राम न्यायालय की शुरुआत हुई थी। ग्राम न्यायालय की शुरुआत करने वाला यह मध्य प्रदेश का प्रथम जिला है।
- नीमच में शाहबुद्वीन ओलिया उर्स का मेला लगता है।
- नीमच जिला देश में CRPF की जन्मस्थली एवं अफीम फैक्ट्री के लिए प्रसिद्ध है।
- सीमेंट एवं इमारती पत्थर के उत्पादन के लिए भी नीमच जिले को जाना जाता है।
- Neemuch Jile में कुकड़ेश्वर में महादेव का प्रसिध्द मंदिर तथा पुरातात्विक स्थल है।
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