जिला रीवा – म.प्र. की जिलेबार सामान्य ज्ञान (MP District Wise GK in Hindi)
जिले का नाम | जिला रीवा (District Rewa) |
गठन | 1956 |
तहसील | हुजूर, रायपुर कर्चुलियान, जवा, सिरमौर, मऊगंज, हनुमना, गूढ़, त्योंथर, सेमरिया, नईगढ़ी, मनगंवा |
पड़ोसी जिलों के साथ सीमा | सीधी, सतना |
राज्यों के साथ सीमा | उत्तरप्रदेश |
जनसँख्या (2011) | 23,65,106 |
साक्षरता दर (2011) | 71.62% |
भौगोलिक स्थिति | अक्षांतर स्थिति – 24o18′ से 25o12′ उत्तर देशांतर स्थिति – 81o02′ से 82o20′ पूर्व |
- MP Rewa District Important GK Fact Hindi
- रीवा जिले का इतिहास
- तहसील – रीवा (MP Districtwise GK in Hindi)
- भौगोलिक स्थिति – रीवा जिले की भौगोलिक स्थिति
- मिट्टियाँ एवं कृषि – रीवा जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि
- रीवा जिले की प्रमुख नदियाँ
- सिंचाई एवं परियोजनाएं
- वन एवं वन्यजीव – District Rewa
- राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण – रीवा
- खनिज सम्पदा एवं उद्योग – रीवा जिले में
- रीवा जिले में जनजाति
- रीवा जिले की बोलियां एवं मेले –
- रीवा जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल –
- जिले के प्रमुख संग्रहालय –
- Rewa DISTRICT के प्रमुख तथ्य –
- Madhya Pradesh Jilebar General Knowledge
MP Rewa District Important GK Fact Hindi
जिला रीवा को वर्ष 1956 में जिला घोषित किया गया था। यह रीवा संभाग में आता है। रीवा संभाग के अंतर्गत 4 जिले आते है-
- रीवा (District Rewa)
- सतना (District Satna)
- सीधी (District Sidhi)
- सिंगरौली (District Singrauli)
रीवा जिले का इतिहास
रीवा का प्राचीन नाम भथां था। प्राचीन काल इस क्षेत्र पर 12 वीं शताब्दी तक कर्चुली राजाओं का आधिपत्य था। कल्चुरी नरेशों ने कई सुन्दर मंदिरों और मठों का निर्माण कराया है।
अभी भी यहाँ के रहन सहन की झलकियाँ प्राचीन मूर्तियों से मिलती जुलती है। बाद में बघेल राजाओं ने भी यहाँ कई भवनों, मंदिरों का निर्माण कार्य कराया था।
रीवा नगर को वर्ष 1618 में रीवा नरेश विक्रमादित्य ने बांधवगढ़ की जगह राजधानी बनाया था। रीवा नगर वर्ष 1947 तक बघेल राजाओं की राजधानी रहा।
आजादी के बाद 1948 में कई रियासतों को मिलाकर विंध्य प्रदेश का गठन किया गया था। बाद में वर्ष 1956 में म. प्र. के गठन के समय विंध्य प्रदेश को मध्यप्रदेश में मिला दिया गया और रीवा को स्वतंत्र जिला बना दिया गया।
तहसील – रीवा (MP Districtwise GK in Hindi)
रीवा जिले में 11 तहसीलें – हुजूर, रायपुर कर्चुलियान, जवा, सिरमौर, मऊगंज, हनुमना, गूढ़, त्योंथर, सेमरिया, नईगढ़ी, मनगंवा, शामिल है।
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भौगोलिक स्थिति – रीवा जिले की भौगोलिक स्थिति
रीवा जिले का क्षेत्रफल 6240 वर्ग किलोमीटर है। Rewa जिले की सीमा उत्तरप्रदेश राज्य और मध्यप्रदेश के सतना और सीधी जिले के साथ लगती है। रीवा डिस्ट्रिक्ट भौगोलिक दृष्टि से अक्षांतर स्थिति – 24o18′ से 25o12′ उत्तर और देशांतर स्थिति – 81o02′ से 82o20′ पूर्व पर स्थित है।
जिले में लगभग 105 मि. मी. तक सामान्य बारिश होती है। रीवा जिले का तापमान गर्मियों में 40 डिग्री सेंटीग्रेड तक ऊपर और सर्दियों में 07 डिग्री सेंटीग्रेड तक नीचे तक पहुँच जाता है।
मिट्टियाँ एवं कृषि – रीवा जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि
रीवा जिला लाल मिट्टी और काली दोनों प्रकार की मिट्टी वाला क्षेत्र है। जिले में लाल और काली दोनों प्रकार की मिट्टी पाई जाती है।
कृषि – जिले की प्रमुख फसल धान, गेहूँ और चना की खेती की जाती है।
पशुपालन – जिले में पशुपालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए गोपाल पुरस्कार योजना के अंतर्गत प्रतियोगिता आयोजित की जाती है और प्रथम, द्वितीय, और तृतीय श्रेणी के पुरस्कार वितरण किये जाते है। इसके अलावा पशुपालन विभाग द्वारा गोकुल महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
रीवा जिले की प्रमुख नदियाँ
- बिछिया नदी
- बीहड़ नदी
- सोन नदी
बिछिया नदी का उद्गम रीवा जिले की मऊगंज तहसील के खैरा कनकेसरा गांव से हुआ है।
रीवा जिले में बीहड़ नदी पर बहुटी, केवटी, और चचाई 3 जलप्रपात स्थित है। बहुटी मध्यप्रदेश का सबसे ऊँचा जलप्रपात है जिसकी ऊँचाई 198 मीटर है तथा चचाई म. प्र. का दूसरा सबसे ऊँचा जलप्रपात है जिसकी ऊँचाई 130 मीटर (430 फ़ीट) है। केवटी जलप्रपात की ऊंचाई 98 मीटर है यह देश का 24 वां सबसे ऊँचा जल प्रपात है।
सिंचाई एवं परियोजनाएं
बाण सागर परियोजना – सोन नदी पर बनी बाण सागर परियोजना का लोकार्पण 25 सितम्बर 2006 को हुआ था। इस परियोजना से रीवा, शहडोल एवं आसपास के लगभग 1.53 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की जाती है।
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वन एवं वन्यजीव – District Rewa
रीवा जिले में 7790 वर्ग किलोमीटर कुल वनक्षेत्र है जिसमें से 3784 वर्ग किलोमीटर संरक्षित वन क्षेत्र और 4006 वर्ग किलोमीटर आरक्षित वनक्षेत्र है। यहाँ के वनों का प्रकार उष्ण कटिबंधीय अर्ध्दपर्णपाती है। रीवा जिले के वनों में विश्व प्रसिध्द सफ़ेद बाघ पाया जाता है।
राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण – रीवा
मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी पार्क – यह अभ्यारण्य रीवा जिले से 20 कि.मी. दूर मुकुंदपुर में स्थित है। इसका शुभारंभ 3 अप्रैल 2016 को किया गया था। व्हाइट टाइगर सफारी का क्षेत्रफल 25 हेक्टेयर है। यह दुनिया का पहला सफ़ेद बाघों के लिए प्रसिध्द अभ्यारण्य है, इसलिए रीवा जिले को सफ़ेद शेर की भूमि कहा जाता है।
खनिज सम्पदा एवं उद्योग – रीवा जिले में
- डोलोमाइट
रीवा जिले और उसके आसपास के जिलों झाबुआ, जबलपुर, सीढ़ी, सतना, ग्वालियर आदि जिलों में डोलोमाइट खनिज सम्पदा पाई जाती है। डोलोमाइट का उपयोग ढलाई एवं सीमेंट कारखानों में किया जाता है। चुना पत्थर में अगर 45% से अधिक मैगनीशियम होता है तो उसे डोलोमाइट कहा जाता है।
उद्योग – रीवा जिला सुपारी आर्ट के लिए फेमस जिला है। रीवा जिले में सुपाड़ी से विश्व प्रसिध्द खिलौने और मूर्तियाँ बनाई जाती है।
एशिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क (Solar Plant) रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर मध्यप्रदेश के रीवा जिले के गुढ़ तहसील में 1590 एकड़ (6.4 वर्ग किलोमीटर) के क्षेत्र में फैला हुआ है। इस सोलर प्लांट से 750 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।
रीवा जिले में जनजाति
कोल जनजाति –
रीवा जिले में मध्यप्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी कोल जनजाति निवास करती है। यह एक ऑस्ट्रिक परिवार की जनजाति है जिसकी 22 उपशाखाएँ है। मैक्समूलर ने इस जनजाति को कोल या कोलेरियन कहा था। मूल रूप से यह जनजाति रीवा जिले के बद्रीराजा क्षेत्र के कुराली से मानी जाती है।
कोल जनजाति का उल्लेख महाभारत और रामायण में भी मिलता है।
रीवा जिले की बोलियां एवं मेले –
रीवा जिले में बघेली भाषा बोली जाती है। बघेली भाषा बघेलखण्ड के सीधी, रीवा एवं शहडोल में बोली जाती है। बघेली बोली का विकास अर्धमागधी अपभ्रंश से हुआ है।
मेला –
महामृत्युंजय का मेला – मध्यप्रदेश के रीवा जिले में प्रत्येक वर्ष जिले के ‘महामृत्युंजय मंदिर’ में शिवरात्रि और वसंत पंचमी के दिन महामृत्युंजय का मेला आयोजित होता है। ‘महामृत्युंजय मंदिर’ का निर्माण सन 1675 से 1694 के बीच रीवा नरेश महाराज भाव सिंह ने कराया था।
रीवा जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल –
- चचाई जलप्रपात
- केवटी जलप्रपात
- बहुटी जलप्रपात
- पूर्वा जल प्रपात
- चतुर्भुजी काल भैरव मंदिर
- देउर कोठार बौध्द स्तूप
- रीवा का किला
- खगोलीय विद्या केंद्र (वेंकट भवन)
- लक्ष्मण बाग़ धाम
- चिराहुला मंदिर
- रामसागर मंदिर
जिले के प्रमुख संग्रहालय –
वेंकट भवन संग्रहालय, रीवा शहर – वर्ष 1908 में महाराज वेंकट सिंह ने शाही महल का निर्माण कराया था। जिसे वेंकट भवन के नाम से जाना जाता है। इसी भवन को संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है।
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Rewa DISTRICT के प्रमुख तथ्य –
- विन्ध्य प्रदेश की राजधानी रहा रीवा उत्तरप्रदेश राज्य से सटा हुआ जिला है यह सफैद बाघों के लिये प्रसिद्ध है।
- सर्वाधिक ग्रामीण जन संख्या रीवा में है।
- मध्यप्रदेश का सबसे ऊँचा चचाई जल प्रपात रीवा में बीहड नदी के किनारे है। इसकी उंचाई 130 मीटर है।
- मध्यप्रदेश का एक मात्र सैनिक स्कूल रीवा में है।
- आम अनुसंधान केन्द्र गोविन्दगढ में है यहां पर पुलिस वाहन प्रशिक्षण शाला भी है।
- रीवा में पहला सफेद बाघ मिला जिसका नाम मोहन था जिसे राजा मार्तण्ड जी रीवा के जंगलों से लाए थे।
- रीवा जिले में मध्यप्रदेश की सबसे बडी सौर परियोजना है।
- केवटी कुण्ड प्रपात भी बीहढ नदी पर है।
- सर्वाधिक जिप्सम रीवा में पाया जाता है।
- त्योंथर रीवा में एक पुरातात्विक स्थल है।
- रीवा 1956 में जिला बना था।
- Rewa जिले से राष्ट्रीय राजमार्ग NH-7, NH – 75ए गुजरते है।
- रेवा (नर्मदा) नदी के नाम पर इसका नाम रीवा पड़ा था। मध्य युग में इसे भथां कहा जाता था।
- पुलिस मोटर वर्कशॉप रीवा।
- टोंस जल विधुत परियोजना रीवा।
- महामृत्युंजय का मेला रीवा जिले में लगता है।
- Rewa के राजा रामचंद्र के दरबार में रामतनु पांडेय (तानसेन) रहते थे, जिसे अकबर ने अपने रत्नों मे शामिल किया था।
- रीवा के अंतिम राजा मार्तण्ड थे।
- रीवा शहर विछिया नदी के किनारे है।
- बाण सागर परियोजना का मुख्यालय रीवा में है।
- रीवा मे बघेलों का शासन रहा था।
- अशोक का देउर बौध्द स्तूप रीवा जिले (Rewa Jile) में है
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