जिला सागर GK – म.प्र. जिलेबार (MP GK District Wise in Hindi) सामान्य ज्ञान
जिले का नाम | जिला सागर (District Sagar) |
गठन | 1956 |
तहसील | सागर, राहतगढ़, रहली, गढ़ाकोटा, देवरी, बीना, केसली, बंडा, शाहगढ़, खुरई, मालथौन, जैसीनगर |
पड़ोसी जिलों के साथ सीमा | दमोह, नरसिंहपुर, रायसेन, विदिशा, छतरपुर, अशोकनगर |
राज्यों के साथ सीमा | उत्तरप्रदेश (झाँसी) |
जनसँख्या (2011) | 23,78,458 |
साक्षरता दर (2011) | 76.46% |
भौगोलिक स्थिति | अक्षांतर स्थिति – 23o10′ से 24o27′ उत्तर देशांतर स्थिति – 78o05′ से 79o21′ पूर्व |
भारत देश का हृदय जिला सागर, सागर संभाग के अंतर्गत आता है। मध्यप्रदेश का जबलपुर, इंदौर,उज्जैन के बाद चौथा बड़ा संभाग सागर है।
सागर संभाग में 6 जिले आते है|
- सागर (District Sagar)
- दमोह (District Damoh)
- पन्ना (District Panna)
- छतरपुर (District Chhatarpur)
- टीकमगढ़ (District Teekamgarh)
- निमाड़ी (District Nimari)
सागर जिले का इतिहास
सागर जिले की स्थापना सन 1660 में हुयी थी। हुसैनशाह द्वारा तालाब के किनारे एक छोटे किले का निर्माण करवाया और उसके आसपास परकोटा नामक एक गांव बसाया था। वही छोटे से गांव को सागर नाम से जाना जाने लगा। सागर जिला एक विशाल सागर झील ( लाखा बंजारा झील ) के किनारे बसा है इसलिए इसका नाम सागर पड़ा। सागर जिला बुंदेलखण्ड और मालवीय संस्कृति का संधि स्थल मध्यवर्ती होने के साथ-साथ यह सात जिलों से घिरा हुआ है। सागर जिले से यही से एरण अभिलेख मिला।
तहसील – सागर (MP Districtwise GK in Hindi)
सागर जिले में 13 तहसीलें – सागर, राहतगढ़, रहेली, गढ़ाकोटा, देवरी, बीना, केसली, बंडा, शाहगढ़, खुरई, मालथोने, जैसीनगर, है।
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भौगोलिक स्थिति – सागर जिले की भौगोलिक स्थिति
सागर जिले का क्षेत्रफल 10252 वर्ग किलोमीटर है। सागर क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश का दूसरा जिला है। यह भौगोलिक दृष्टि से अक्षांतर स्थिति – 23o10′ से 24o27′ उत्तर एवं देशांतर स्थिति – 78o05′ से 79o21′ पूर्व में स्थित है। सागर जिले से राष्ट्रीय राजमार्ग NH – 26A, NH – 26 एवं NH-86 गुजरते है।
सागर जिले की सीमा मध्यप्रदेश के छतरपुर, दमोह, नरसिंहपुर, रायसेन, विदिशा, अशोकनगर तथा उत्तरप्रदेश के झाँसी जिले के साथ लगती है।
जिले का गर्मियों में औसत तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक ऊपर तथा सर्दियों में 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। जिले में औसत वर्षा 95 मि.मी. तक होती है।
मिट्टियाँ एवं कृषि – सागर जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि
सागर जिले में अधिकांशतः काली मिटटी पायी जाती है। यह दक्षिणी बुंदेलखंड का ज्यादातर ऊंचा-नीचा, ढलाऊ, ऊबड़-खाबड़ वाला जिला है। काली मिट्टी क्षारीय प्रकृति की होती है इसमें लोहा एवं चुना पत्थर होता है इसलिए इसका रंग कला होता है। काली मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी पाई जाती है।
कृषि – सागर जिले में मुख्यतः गेहूं, सोयाबीन, अरहर, उड़द व मक्का की खेती की जाती है।
पशुपालन – सागर जिले के रतौना ग्राम में ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन’ के अंतर्गत पहला पशु प्रजनन और कृषक एवं गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया गया है। दुग्ध उत्पादन के बढ़ावा के लिए पशुपालन विभाग द्वारा गोकुल महोत्सव आयोजित किया जाता है। गोपाल पुरस्कार योजना के अंतर्गत देसी नस्ल की गायों के दूध के लिए प्रतियोगिता की जाती है।
सागर जिले की प्रमुख नदियाँ –
सोनार, बीना और धसान नदियाँ सागर जिले की प्रमुख नदी है।
सोनार नदी – सोनार नदी का उद्गम सागर जिले के केसली क्षेत्र (टाडा गांव) की एक छोटी सी पहाड़ी से हुआ है। सोनार नदी की कुल लम्बाई लगभग 250 किलोमीटर है।
बीना नदी – यह बेतवा नदी की सहायक नदी है। सागर जिले में राहतगढ़ के पास बीना नदी भालकुण्ड नामक एक 38 मीटर गहरा जलप्रपात का निर्माण करती है। बीना नदी का प्राचीन नाम वेण्वा नदी है।
धसान नदी – 365 किलोमीटर लम्बी धसान नदी बुंदेलखंड क्षेत्र की नदी है।
सिंचाई एवं परियोजनाएं
बीना सिंचाई परियोजना – बीना नदी पर दो बांध निर्मित है जिसमें से एक ‘मड़िया बांध’ पर बिजली बनायीं जाती है जबकि दुसरे बांध चकरपुर से 3 विधानसभाओं के खेतों की सिंचाई की जाती है। यह खेतों में लगे स्प्रिंकलर के द्वारा पानी पहुंचाने वाली पहली परियोजना है।
वन एवं वन्यजीव – District Sagar
सागर जिले में 2017-18 की रिपोर्ट के अनुसार कुल वन क्षेत्र 6010.05 वर्ग किलोमीटर है। वनों में सागौन, शीशम, नीम, पीपल, आदि के वृक्ष अधिकता में पाए जाते है। वन क्षेत्र में बाघ, लियोपार्ड, जंगली कुत्ते, चीतल, लोमड़ी, भारतीय नस्ल के अजगर, हनुमान लंगूर आदि वन्यजीव पाए जाते है।
राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण – सागर
नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य – इस अभ्यारण्य की स्थापना वर्ष 1975 में की गयी थी। नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा अभ्यारण्य है। इसका क्षेत्रफल 1194.672 वर्ग किमी. है।
खनिज सम्पदा एवं उद्योग – सागर जिले में
सागर जिले में तांबा खनिज पदार्थ पाया जाता है।
उद्योग – यहाँ की अर्थव्यवस्था मजदूरी व कृषि पर आधारित है। जिले के लोग अगबत्ती और बीड़ी बनाने का काम करते है।
सागर जिले में जनजाति
सागर जिले में सहरिया जनजाति निवास करती है। जो मध्यप्रदेश की पांचवीं सबसे बड़ी जनजाति है।
सहरिया का अर्थ है – ‘शेर के साथ होना’ | सहरिया जनजाति सागर जिले के अलावा भिंड, मुरैना, ग्वालियर, विदिशा, राजगढ़, गुना, शिवपुरी, आदि जिलों में भी निवास करती है।
सागर जिले की बोलियां एवं मेले –
सागर जिले में बुंदेली भाषा प्रचलित है।
बुंदेली भाषा सागर जिले के अलावा छतरपुर, पन्ना, दमोह, सागर, टीकमगढ़, दतिया एवं नरसिंहपुर आदि जिलों में प्रचलित है।
सागर जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल –
- राहतगढ़ का किला
- राहतगढ़ जलप्रपात
- सागर झील
- एरण
- गढ़पहरा
- रानगिर माता का मंदिर
- सनौधा का किला
- रेहली का सूर्यमंदिर
जिले के प्रमुख संग्रहालय –
स्थानीय संग्रहालय – पुरातत्व विभाग द्वारा वर्ष 1988 में वृंदावन बाग़ में संग्रहालय की स्थापना की थी। इस संग्रहालय में 8वीं शताब्दी से 16वीं शताब्दी की सभी प्राचीन मूर्तियां एवं अवशेष रखे हुए है।
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SAGAR DISTRICT के प्रमुख तथ्य –
- मध्य प्रदेश का सबसे बडा बॉटनीकल उद्यान हरिसिंह वि. वि. में है।
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग नागपुर द्वारा खुदाई में भगवान विष्णु के अवतारों की शिला एरण से प्राप्त हुयी है।
- मध्य प्रदेश का पहला विश्व विद्यालय हरिसिंह विश्व विद्यालय है जिसकी स्थापना 1946 में हूई थी|
- एरण अभिलेख भारत का एक मात्र सतीप्रथा साक्ष्य है।
राहतगढ़ के किले का सम्बन्ध वीरांगना महारानी दुर्गावती से है।
- स्वान योजना सागर जिले से 2009 में चलाई गयी थी।
- नौरादेही म. प्र. का सबसे बड़ा अभ्यारण्य है।
- बीना में सैन्य छावनी और रेल्वे जंक्शन के साथ साथ भारत और ओमान की संयुक्त तेल रिफइनरी है।
- एरण का प्राचीन नाम एरिकोण है। यह ताम्रपाषाणकालीन स्थल है। यहाँ पर गोपराज की पत्नी का सती होने का साक्ष्य मिलता है।
- सागर में जवाहारलाल नेहरू पुलिस अकादमी है।
- क्राइम की पहचान करने के लिए फोरंसिक लैब सागर जिले में स्थित है।
- यह राजगुरू हरिसिंह गौर की जन्म स्थली है।
- कीटनाशक सयंत्र बीना में स्थित है।
- स्टील कम्पलैक्स और गैंहू अनुसंधान केन्द्र सागर जिले में है।
- सागर जिले की प्रमुख नदियां बीना, केन, बेतवा और सोनार है।
- समुद्रगुप्त का स्वभोग नगर एरण को कहा जाता है।
सागर जिले से सम्बंधित महत्वपूर्ण करंट अफेयर्स –
- सागर जिले में ऑटोमेटिक साँची डेयरी संयंत्र स्थापित किया गया है।
- जिले के ‘बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय’ में वायरल रिसर्च डायगनोस्टिक लैब (VRDL) की स्थापना की जाएगी।
- जल संरक्षण के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए सागर जिले को को भारत सरकार जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आयोजित नेशनल वाटर अवार्ड में तीसरा स्थान मिला।
- सागर शहर के सबसे बड़े पार्क “अमृत पार्क” का नाम अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर “अटल पार्क” रखा गया है।
- वीरांगना झलकारी बाई ट्रैफिक पार्क सागर जिले में बनाया गया है।
- सागर जिले में हॉकी के लिए खेलो इंडिया सेंटर प्रस्तावित है।
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