जिला श्योपुर – म.प्र. की जिलेबार (MP District Wise GK in Hindi) सामान्य ज्ञान
जिले का नाम | श्योपुर (District Shyopur) |
गठन | 25 मई 1998 |
तहसील | श्योपुर, बड़ोदा, विजयपुर, कराहल, वीरपुर |
पड़ोसी जिलों के साथ सीमा | मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी |
राज्यों के साथ सीमा | राजस्थान (कोटा) |
जनसँख्या (2011) | 6,87861 |
साक्षरता दर (2011) | 57.4% |
भौगोलिक स्थिति | – |
- श्योपुर जिले का इतिहास
- तहसील – श्योपुर (MP Districtwise GK in Hindi)
- भौगोलिक स्थिति – श्योपुर जिले की भौगोलिक स्थिति
- मिट्टियाँ एवं कृषि – श्योपुर जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि
- श्योपुर जिले की प्रमुख नदियाँ
- सिंचाई एवं परियोजनाएं
- वन एवं वन्यजीव – District SHYOPUR
- राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण – श्योपुर
- खनिज सम्पदा एवं उद्योग – श्योपुर जिले में
- श्योपुर जिले में जनजाति
- श्योपुर जिले की बोलियां एवं मेले –
- श्योपुर जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल –
- जिले के प्रमुख संग्रहालय –
25 मई 1998 को मुरैना जिले से अलग करके श्योपुर जिले का गठन किया गया। District Shyopur, चम्बल संभाग के अंतर्गत आता है। इसका जिला मुख्यालय श्योपुर में है। चम्बल संभाग में 3 जिले आते है –
- मुरैना (District Morena)
- भिंड (District Bhind)
- जिला श्योपुर (District Shyopur)
श्योपुर जिले का इतिहास
श्योपुर शहर का उल्लेख सबसे पहले हमें निमात उल्लाह अभिलेख में मिलता है। श्योपुर किले तथा शहर की स्थापना 1537 में जयपुर राजघराने के सामंत गौड़ राजपूत के प्रमुख राजा इंद्रसिंह ने की थी। श्योपुर चंबल नदी के किनारे बसा शहर है।
तहसील – श्योपुर (MP Districtwise GK in Hindi)
श्योपुर जिले में 5 तहसील श्योपुर, बड़ोदा, विजयपुर, कराहल, वीरपुर, है।
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भौगोलिक स्थिति – श्योपुर जिले की भौगोलिक स्थिति
श्योपुर जिले का क्षेत्रफल 6606 वर्ग किलोमीटर है। यह क्षेत्रफल की दृष्टि से म. प्र. का 19 वां जिला है। मध्यप्रदेश के पूर्व में स्थित श्योपुर जिले की सीमा राजस्थान के कोटा, म.प्र. के शिवपुरी, मुरैना एवं ग्वालियर से लगी है।
श्योपुर जिले से राष्ट्रीय राजमार्ग NH – 552 गुजरता है।
मिट्टियाँ एवं कृषि – श्योपुर जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि
श्योपुर जिले में कछारी मिट्टी और जलोढ़ मिट्टी पायी जाती है। बाढ़ के द्वारा नदियों द्वारा जो मिट्टी बहाकर लायी जाती है उसे कछारी मिट्टी कहते है।
जिले की अर्थव्यवस्था कृषि और कृषि पर आधारित उत्पादन पर निर्भर है। यहाँ प्रमुख फसलों में गेहूं, सरसों तथा खरीफ की की फसल बाजरा है।
श्योपुर जिला पशुधन से संपन्न है। यहाँ के किसान पशुपालन एवं कुक्कुट पालन में अधिक रुझान कर रहे है। गिर प्रजाति की गाय से श्योपुर जिले की एक विशेष पहचान है।
श्योपुर जिले की प्रमुख नदियाँ
- चबल नदी
- कूनो नदी
- सीप नदी
मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के अवदा डैम से सीप नदी निकलती है और यह रामेश्वरम त्रिवेणी संगम पर चम्बल नदी में मिल जाती है
श्योपुर जिले में चम्बल नदी 25 किमी. दूरी पर बहती है। चम्बल नदी मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा बनती है।
सिंचाई एवं परियोजनाएं
श्योपुर जिले में सिंचाई का प्रमुख स्त्रोत नहर है। जिले में लगभग 58.74% खेती सिंचाई पर आधारित है। जिले की अर्थव्यवस्था कृषि का प्रमुख योगदान है।
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वन एवं वन्यजीव – District SHYOPUR
वन रिपोर्ट 2017 के अनुसार श्योपुर जिले में आरक्षित वन क्षेत्र 3653 किमी2 है। यहाँ कटीले या उष्ण कटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन क्षेत्र प्रमुख रूप से पाए जाते है।
राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण – श्योपुर
कूनो राष्ट्रीय उद्यान: श्योपुर जिले में स्थित कूनो अभ्यारण की स्थापना 1981 में की गयी थी। इसका क्षेत्रफल 748,7618 वर्ग किमी. है। श्योपुर जिले में बहने वाली कूनो नदी के नाम पर इसका नाम कूनो पड़ा है। वर्ष 2018 में कूनो पालपुर अभ्यारण को संरक्षित क्षेत्र के रूप में कूनो राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park) घोषित किया गया।
कूनो राष्ट्रीय उद्यान में गुजरात के गिरी वन राष्ट्रीय उद्यान से एशियाई शेरों को लाया जाता है।
खनिज सम्पदा एवं उद्योग – श्योपुर जिले में
श्योपुर जिले में कोई खनिज सम्पदा नहीं पायी जाती फिर भी यहाँ पाइप, मुखौटे, खिलौने, खिड़कियां, लड़की के स्मारक, दरवाजे, फूलों के फूलदान बेडपोस्ट और पालना पदों आदि के लगभग 156 लघु उद्योग स्थापित है। श्योपुर जिला लड़की की नक्काशी या काष्ट कला के लिए प्रसिद्ध है।
श्योपुर जिले में जनजाति
सहरिया जनजाति का एक बड़ा समुदाय मुख्य रूप से श्योपुर जिले में निवास करता है। यहाँ पायी जाने वाली सहरिया जनजाति कोलरियन परिवार की जनजाति है। सहरिया जनजाति श्योपुर जिले के आलावा उसके आसपास के क्षेत्रों और भिंड, मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी व गुना जिलों में पायी जाती है।
श्योपुर जिले की बोलियां एवं मेले –
श्योपुर जिले व उसके आसपास के क्षेत्र में मुख्य रूप से ब्रज व बुंदेली भाषा प्रचलित है।
रामेश्वर का संगम मेला: श्योपुर जिले में प्रत्येक वर्ष रामेश्वर का संगम मेला लगता है।
श्योपुर जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल –
- डोब कुंड
- रामेश्वर का संगम
- विजयपुर का दुर्ग
- भगवान शिव नागेश्वर मंदिर
- ध्रुवकुण्ड
- जलमंदिर बड़ौदा
- सिनोरी हनुमान
- पनवारा देवी का मंदिर
- खेत्रपाल जैनी मंदिर
- उठनवाड के शिवनाथ निमोदा का मठ
- जाटखेड़ा पार्वती माता का मंदिर
जिले के प्रमुख संग्रहालय –
सहरिया जनजाति का संग्रहालय
SHYOPUR DISTRICT के प्रमुख तथ्य –
- श्योपुर अपनी काष्ट कला के लिये प्रसिद्ध है।
- पालपुर केनो वाइल्ड लाइफ सेन्चुरी श्योपुर मे है। इसमें गिरी वन गुजरात से एशियाई शेर लाये गये है।
- श्योपुर की करहाल तहसील दस्युओं के लिये प्रसिद्ध है।
- श्योपुर में सहरिया जनजाति का संग्रहालय नरसिंह महल में स्थित है।
- विजयपुर दुर्ग कुंआरी नदी के किनारे है|
- श्योपुर राजस्थान को स्पर्श करता है। श्योपुर में डूबकुण्ड 81 फीट गहरा है।
- श्योपुर जन घनत्व में दुसरा जिला है। यहां पर सबसे अधिक कुपोषण पाया गया है
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