जिला उज्जैन – म.प्र. की जिलेबार (MP District Wise GK in Hindi) सामान्य ज्ञान
जिले का नाम | जिला उज्जैन (District Ujjain) |
गठन | 1956 |
तहसील | उज्जैन,घट्टिया, बड़नगर, खाचरौद, महिदपुर, तराना, नागदा |
पड़ोसी जिलों के साथ सीमा | आगरमालवा, इंदौर, शाजापुर, रतलाम |
जनसँख्या (2011) | 1986864 |
साक्षरता दर (2011) | 72.34% |
भौगोलिक स्थिति | अक्षांतर स्थिति – 22o43′ से 23o36′ उत्तर देशांतर स्थिति – 75o00′ से 76o30′ पूर्व |
जिला-उज्जैन, उज्जैन संभाग के अंतर्गत आता है। मध्यप्रदेश में जबलपुर, इंदौर के बाद तीसरा बड़ा संभाग उज्जैन संभाग है।
उज्जैन संभाग में 7 जिले आते है-
- उज्जैन (District Ujjain)
- देवास (District Dewas)
- शाजापुर (District Shajapur)
- आगर मालवा (District Agar Malwa)
- रतलाम (District Ratlam)
- मंदसौर (District Mandsaur)
- नीमच (District Neemach)
उज्जैन जिले का इतिहास – MP GK
उज्जैन जिला (Ujjain District) जनपद युग में अवंति के नाम से प्रसिद्ध एक पौराणिक कथाओं का भी भंडार है कहा जाता है कि उज्जैन के संदीपनी आश्रम में भगवान कृष्ण ने शिक्षा ली थी ।
तहसील – उज्जैन (MP Districtwise GK in Hindi)
उज्जैन जिले के अंतर्गत 7 तहसीलें उज्जैन ,घट्टिया, बड़नगर, खाचरौद, महिदपुर, तराना, नागदा आती है।
भौगोलिक स्थिति – उज्जैन जिले की भौगोलिक स्थिति
उज्जैन जिले का क्षेत्रफल 6091 वर्ग किलोमीटर है। यह क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश का 26 वां जिला है। उज्जैन भौगोलिक दृष्टि से अक्षांतर स्थिति – 22o43′ से 23o36′ उत्तर, देशांतर स्थिति – 75o00′ से 76o30′ पूर्व पर स्थित है।
मिट्टियाँ एवं कृषि – उज्जैन जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि
- काली मिट्टी
उज्जैन जिला काली मिटटी वाला क्षेत्र है। यह मिटटी कपास के लिए सबसे अधिक उपयुक्त मानी जाती है।
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कृषि – उज्जैन जिले में मुख्य रूप से गेहूं, चना, सोयाबीन की फसल उगाई जाती है। जिले में लगभग 4.22 लाख हेक्टेयर भूमि पर खेती की जा रही है।
पशुपालन – पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय गर्भाधान योजना चलाई जा रही है।
उज्जैन जिले की प्रमुख नदियाँ
गंभीर नदी
क्षिप्रा नदी – क्षिप्रा नदी उज्जैन में बहने वाली प्रमुख नदी है। क्षिप्रा नदी का उद्गम इंदौर के काकरी बाड़ी नामक पहाड़ी से होता है। इसकी लम्बाई 196 KM है। उज्जैन, देवास जिलों में बहते हुए यह नदी मंदसौर में चम्बल नदी में जाकर गिरती है। बारह प्रसिध्द ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर उज्जैन जिले में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है। इसी स्थान पर कुम्भ का मेला लगता है।
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सिंचाई एवं परियोजनाएं
नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना
वन एवं वन्यजीव – District Ujjain
उज्जैन जिले में आरक्षित वन क्षेत्र 1811.12 वर्ग किमी. है। यहाँ के वन क्षेत्रों में उष्ण कटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन पाए जाते है। इस प्रकार के वन 35 से 75 सेमी बारिश वाले क्षेत्र में होते है। तेंदुआ, सांभर, चीतल, जंगली सूअर, मोर आदि प्रजाति के वन्य जीव तथा पलाश, कीकर, बबूल, हर्रा, शीशम, तेदु आदि वनस्पति यहाँ के वनों में पायी जाती है।
राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण – उज्जैन
कामधेनु अभ्यारण्य – 24 दिसंबर 2012 को देश तथा विश्व के प्रथम कामधेनु गौ अभ्यारण की स्थापना उज्जैन जिले के ग्राम सालरिया में की गई थी।
खनिज सम्पदा एवं उद्योग – उज्जैन जिले में
- डोलोमाइट
उज्जैन जिले में जनजाति –
कोरकू जनजाति – उज्जैन और उसके आसपास के जिलों में कोरकू जनजाति निवास करती है। कोरकू का अर्थ – ‘मानवों का समूह’ | यह जनजाति सतपुड़ा पर्वत के क्षेत्रों में रहती है।
कोरकू जनजाति मध्यप्रदेश के उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर मालवा, होशंगाबाद, बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी आदि जिलों में निवास करती है।
उज्जैन जिले की बोलियां एवं मेले –
मालवी भाषा – उज्जैन तथा उसके आसपास के क्षेत्र में मालवी भाषा बोली जाती है। मालवी बोली का विकास शौरसेनी अपभ्रंश से हुआ है। यह राजस्थानी हिंदी की प्रमुख बोलियों में से एक है। इस बोली में बुंदेली, गुजराती, एवं राजस्थानी शब्दभंडार का स्पष्ट प्रभाव दिखाई देता है। मालवी बोली मुख्यतः मारवाड़ी से सम्बंधित है।
उज्जैन जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल –
- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव मंदिर
- काल भैरव मंदिर
- वेधशाला
- हरसिध्दि माता मंदिर
- श्री बड़े गणेश मंदिर
- मंगलनाथ मंदिर
- भर्तृहरि गुफा
- जंतर मंतर (वेधशाला)
- दुर्गदास की छतरी
- संदीपनी आश्रम
- चौबीस खंभा
- गोपाल मंदिर
- बेगम का रोजा
- बोहरों का रोजा
- गढकालिका मंदिर
- नगर कोट की रानी
- कालिदास अकेदमी
Ujjain DISTRICT के प्रमुख तथ्य –
- नगदा में कृत्रिम रेशे का कारखाना है|
- महिदपुर में शक्कर का सरकारी कारखाना है|
- मंगलनाथ का प्रसिद्ध नवग्रह मंदिर उज्जैन में है|
- ज्योति शास्त्र के अनुसार 0 रेखांश पर उज्जैन स्थित है। कर्क रेखा और देशांतर रेखा यही एक दूसरे को काटती है। यहां पर 21 जून को सूर्य की किरणें सीधी रेखा (90० लम्बवत) में पड़ती है।
- यहाँ पर एक मात्र मध्य प्रदेश का जंतर मंतर राजा जयसिंह द्वारा बनवाया गया था|
- मध्य प्रदेश का एक मात्र संस्कृत विश्व विद्यालय पाणिनी उज्जैन में है|
- उज्जैन को मंदिरों और मूर्तियों का नगर कहा जाता है|
- यहाँ पर एशिया का सबसे बड़ा सोयबीन संस्थान है|
- उज्जैन में सबसे पहले शून्य का प्रयोग गणितज्ञ ब्रहमगुप्त द्वारा किया गया था इन्होने ही गुरूत्वाकर्षण का नियम दिया था|
- उज्जैन का नवग्रह मंदिर केवल वर्ष में एक बार ही खुलता है|
- नाग नागेश्वर मंदिर साल में एक बार नागपंचमी के दिन खुलता है।
- सिंधिया शोध संस्थान एवं विक्रम विश्वविद्यालय यहीं पर है|
- कायथा ताम्रपाषाण कालीन स्थान और बरहामिहरी की जन्मभूमि है|
- रूणिजा तेजाजी का मेला उज्जैन में लगता है|
- उज्जैन क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित मंदिर निम्न है:-
- उज्जैन मंदिरों एवं मेलों के शहर के नाम से भी प्रसिद्ध है।
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