जिला मंदसौर – म.प्र. की जिलेबार (MP District Wise GK in Hindi) सामान्य ज्ञान
जिले का नाम | जिला मंदसौर (District Mandsaur) |
गठन | 1956 |
तहसील | मंदसौर, सीतामऊ, मल्हारगढ़, गरोठ, भानपुरा, सुवासरा, श्यामगढ़, दलोदा |
पड़ोसी जिलों के साथ सीमा | नीमच, रतलाम (राजस्थान – चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, कोटा, झालावाड़) |
जनसँख्या (2011) | 1340411 |
साक्षरता दर (2011) | 71.8% |
भौगोलिक स्थिति | अक्षांतर स्थिति – 23o45′ से 25o00′ उत्तर देशांतर स्थिति – 74o45′ से 75o55′ पूर्व |
जिला मंदसौर, उज्जैन संभाग के अंतर्गत आता है। मध्यप्रदेश में जबलपुर, इंदौर के बाद तीसरा बड़ा उज्जैन संभाग है।
उज्जैन संभाग में 7 जिले आते है-
- उज्जैन (District Ujjain)
- देवास (District Dewas)
- शाजापुर (District Shajapur)
- आगर मालवा (District Agar Malwa)
- रतलाम (District Ratlam)
- मंदसौर (District Mandsaur)
- नीमच (District Neemach)
MP Mandsaur District GK Important Fact
मंदसौर जिले का इतिहास
अफीम जिले के नाम से मशहूर एवं पशुपति नाथ का मंदिर के लिये विश्व विख्यात मंदसौर जिला राजस्थान की सीमा पर स्थित है इसका पुराना नाम दशपुर था। मंदसौर जिले को मालवा का सिंह द्वार तथा राजस्थान का सीमांत प्रहरी भी कहते है।
मंदसौर जिले वाला क्षेत्र मेवाड़ के अंतिम किले के रूप में मेवाड़ महाराजाओं द्वारा तथा कभी-कभी तोमर राजपूतों के द्वारा नियंत्रित किया जाता था।
मंदसौर जिला पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक विरासत को संजोए रखने वाला एक ऐतिहासिक जिला है।
तहसील – मंदसौर (MP Districtwise GK in Hindi)
मंदसौर जिले में 8 तहसीलें – मंदसौर, सीतामऊ, मल्हारगढ़, गरोठ, भानपुरा, सुवासरा, श्यामगढ़, दलोदा, है।
भौगोलिक स्थिति – मंदसौर जिले की भौगोलिक स्थिति
मंदसौर जिले का क्षेत्रफल 5535 वर्ग किलोमीटर है। यह क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश का 29 वां जिला है। मंदसौर भौगोलिक दृष्टि से अक्षांतर स्थिति – 23o45′ से 25o00′ उत्तर तथा देशांतर स्थिति – 74o45′ से 75o55′ पूर्व पर स्थित है।
मंदसौर जिला मध्यप्रदेश के उत्तर-पश्चिम में स्थित है। इसकी सीमा राजस्थान के 4 जिले -चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, कोटा, और झालावाड़ तथा म. प्र. के दो जिलों रतलाम और नीमच के साथ लगती है।
गर्मियों में पहले यहाँ का तापमान 40 डिग्री सेंटीग्रेड होता था लेकिन ग्लोबल वार्मिंग की वजह से तापमान में बढ़ोत्तरी होने से 44 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर तक चला जाता है। जिले में औसत वर्षा लगभग 134 से.मी. तक होती है।
मिट्टियाँ एवं कृषि – मंदसौर जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि
मंदसौर जिले की में अधिकांशतः काली मिटटी पाई जाती है। काली मिटटी में लोहा और चूना पत्थर पाया जाता है। यह मिट्टी कपास, गेहूँ और सोयाबीन की खेती के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है।
कृषि – मंदसौर राज्य का सर्वाधिक मात्रा में अफीम का उत्पादन करने वाला प्रसिद्ध जिला है। पूरे देश में मंदसौर और नीमच जिले में सर्वाधिक अफीम पैदा होता है।
पशुपालन – मंदसौर जिले में पशुपालन को बढ़ावा देने और आय बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान योजना चलाई जा रही है।
मंदसौर जिले की प्रमुख नदियाँ
- शिवना नदी
- चम्बल नदी
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सिंचाई एवं परियोजनाएं
चम्बल घाटी परियोजना – मध्यप्रदेश की पहली नदी घाटी परियोजना चम्बल घाटी परियोजना है। इस परियोजना का शुभारंभ 1953-54 में किया गया था। यह राजस्थान और म. प्र. की संयुक्त परियोजना है। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के रतलाम, मंदसौर, नीमच, मुरैना, भिंड, ग्वालियर जिले लाभान्वित है। इस परियोजना का निर्माण 3 चरणों में पूरा किया गया था।
- गांधी सागर बांध परियोजना
- राणा प्रताप सागर बाँध परियोजना
- जवाहर सागर बांध परियोजना
कोटा बैराज परियोजना – इस परियोजना का निर्माण 1554 – 1982 में पूर्ण हुआ।
वन एवं वन्यजीव – District Mandsaur
मंदसौर जिले में उष्ण कटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन क्षेत्र है। इस प्रकार के वन 30-80 से. मी. वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते है। मंदसौर जिले के वनों में पलाश, हर्रा, बाबुल,, शीशम, कीकर, तेन्दु आदि प्रकार की प्रमुख वनस्पतियाँ पायी जाती है।
यहाँ के वनों में तेंदुआ, चीतल, चिंकारा, नीलगाय, जलपक्षी आदि वन्य जीवों की प्रजाति देखी गई है।
खनिज सम्पदा एवं उद्योग – मंदसौर जिले में –
अभ्रक – यह विद्युत का कुचालक हल्का, परतदार, चमकीला खनिज है। इसको ऊँचे ताप पर गलाया जाता है। इसका उपयोग विद्युत उपकरण बिजली, मोटर, टेलीफ़ोन, लालटेन की चिमनी और औषधि बनाने में किया जाता है। मध्यप्रदेश के बालाघाट, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, मंदसौर, नीमच, नरसिंहपुर, शहडोल, सीधी, और टीकमगढ़ जिलों में अभ्रक खनिज पाया जाता है।
उद्योग – मंदसौर जिले में स्लेट-पेंसिल बनाने की मुख्य इंडस्ट्री है। जिले में मेसर्स राजाराम एंड ब्रदर्स स्टार्च फैक्ट्री, नयागांव में सीमेंट उद्योग (1982 ) और जीवाजीराव शुगर कंपनी लिमिटेड आदि मुख्य उद्योग स्थापित है।
मंदसौर जिले में जनजाति –
भील जनजाति – मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी जनजाति भील मंदसौर जिले के आलावा धार, झाबुआ, रतलाम, नीमच, अलीराजपुर, बड़वानी, खंडवा, गुना आदि जिलों में पायी जाती है।
भील शब्द से आशय संस्कृत भाषा के भिल्ल या द्रविड़ शब्द बील से है। बील शब्द का शब्दिक अर्थ – धनुष है। इस जनजाति के लोग धनुर्विद्या में निपुण होते है इसलिए भील कहा जाता है।
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मंदसौर जिले की बोलियां एवं मेले –
बोली – मालवी
पशुपतिनाथ जी का मेला – मंदसौर जिले में हर वर्ष नवंबर माह में नगर पालिका द्वारा श्री पशुपति नाथ जी का प्रसिद्ध मेला लगाया जाता है।
मंदसौर जिले से सम्बंधित/प्रसिद्ध व्यक्ति –
सुंदरलाल पटवा – मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा का जन्म मंदसौर जिले के कुकड़ेश्वर गांव में 11 नवंबर 1924 को हुआ था। सुंदर लाल पटवा पहली बार म. प्र. मुख्यमंत्री 20 जनवरी 1980 से 17 फरवरी 1980 तक तथा दूसरी बार 05 मार्च 1990 से 15 दिसंबर 1992 तक मुख्यमंत्री रहे। एक बार 1990 में विधानसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए। सुंदर लाल पटवा वाजपेयी सरकार में दो बार मंत्री भी रह चुके।
मंदसौर जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल –
- पशुपतिनाथ मंदिर
- हिंगलाजगढ़ किला
- नाछला माता मंदिर
- यशोधर्मन का विजय स्तम्भ
- चंदवासा-धर्मराजेश्वर, गरोठ
- बही पार्श्वनाथ जैन मंदिर
- मयूरवाहिनी माताजी मंदिर, सीतामऊ
- सूर्यमंदिर, मंदसौर
जिले के प्रमुख संग्रहालय –
- यशोधर्मन संग्रहालय मंदसौर, मंदसौर
Mandsaur DISTRICT के प्रमुख तथ्य –
- मंदसौर को मालवा का सिंह द्वार और राजस्थान का सीमान्त प्रहरी कहा जाता है।
- मंदसौर जिले का गांधी सागर अभ्यारण नील गाय, चिंकारा तन्दुआ के लिये प्रसिद्ध है|
- मंडी में पार्श्वनाथ का मंदिर है|
- मंदसौर जिले में हिंगलाजगढ पहाड़ी का किला है|
- यहाँ पर गुप्तकालीन सूर्य मंदिर भी है।
- मंदसौर जिले के भानपुरा में म.प्र. की पहली परियोजना गांधी सागर बांध निर्मित है इसकी विधुत क्षमता 115 मेगावाट है।
- मंदसौर जिले के चंदवासा में धर्मराजेश्वर का मंदिर है।
- Mandsaur जिले में विश्व प्रसिद्ध पशुपति नाथ का मंदिर शिवना नदी के किनारे है|
- मंदसौर को रावण की ससुराल माना जाता है। रावण की पूजा भी की जाती है। यह रावण की पत्नी का जन्मस्थान माना जाता है।
- स्लेट-पेन्सिल बनाने का कारखाना मंदसौर जिले में है।
- मध्यप्रदेश का एकमात्र उद्यानिकी महाविद्यालय मंदसौर जिले में है।
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