जिला मुरैना District Morena महत्वपूर्ण MP GK – म.प्र. जिलेबार सामान्य ज्ञान

जिला मुरैनाम.प्र. का जिलेबार (MP District Wise GK) सामान्य ज्ञान

जिले का नाम जिला मुरैना
स्थापना 1956
तहसील मुरैना, अम्बाह, पोरसा, जौरा, कैलारस, सबलगढ़
पड़ोसी जिलों के साथ सीमाग्वालियर, भिंड, श्योपुर, शिवपुरी
राज्यों के साथ सीमाराजस्थान, उत्तरप्रदेश
जनसँख्या (2011)10,91,854
साक्षरता दर (2011)75.69%
भौगोलिक स्थितिअक्षांतर स्थिति – 25o17′ से 26o52′
देशांतर स्थिति – 76o30′ से 78o33′

मध्यप्रदेश का सबसे उत्तरी जिला मुरैना, चम्बल संभाग के अंतर्गत आता है। इसका जिला मुख्यालय मुरैना में है। चम्बल संभाग में 3 जिले आते है –

जिला मुरैना - म.प्र. जी.के. - मध्यप्रदेश जिलेबार सामान्य ज्ञान
मुरैना जिले के बारे में जानकारी – District Morena

मुरैना का इतिहास – History of Morena

चंबल संभाग का मुख्‍यालय मुरैना जिले (Morena District) में है| मुरैना चंबल नदी के किनारे महाभारत कालीन नगरी है। मुरैना को मयुरवन का विकसित रूप माना जाता है| इस वन में मोर पक्षियों की बहुतायात में पाया जाना इस वन की शोभा बढ़ाता है। मुरैना का नाम “मोर” और “रैना” अर्थात जहाँ मोर के रहने का बसेरा है, के नाम पर मुरैना पड़ा है।

रेल्‍वे लाइन बिछाने के समय शिकारपुर और सराय के पुराने रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पुराने गांव के नाम पर 1876 में इसका नाम मुरैना रखा गया।

1904 में ग्‍वालियर राज्‍य के सिकरवारी जिले को तनवारघर में मिला दिया गया और उसका जिला मुख्‍यालय जौरा अलापुर बनाया गया। लेकिन 1923 में तनवारघर जिले का मुख्‍यालय मुरैना कर दिया गया और 1937 में इस जिले को मुरैना का का नाम दे दिया गया तथा 1974 में इसे चंबल संभाग मुख्‍यालय बनाया गया था।

यह जरूर पढ़ें: म.प्र. की प्रमुख पत्र-पत्रिकाएं एवं समाचार पत्र 

11 वी शताब्दि में मुरैना कछवाह वंश की राजधानी  भी रहा। जहां पर राजा कीर्तिराज ने एक शिवमंदिर का निर्माण करावाया था जो आज ककनमठ के नाम से जाना जाता है। सिहोनियां में सास बहु अभिलेख है। यहाँ पर कुंतलपुर महाभारत कालीन नगर है जिसे अब कुहवार के नाम से जाना जाता है जो आसन नदी के किनारे है। अम्‍मा माता का मंदिर भी यही है।   

मुरैना के पहाड़गढ़ में आसन नदीं के तट पर प्राचीन काल की प्रागैतिहासिक गुफायें है जिनमें शिला चित्र प्राप्‍त हुये है इन गुफाओं में कहा जाता है कि पाण्‍डव अज्ञात वास में रहैं थे।

मुरैना को प्रारम्भ में पेंच-मोरेना कहा जाता था क्योकि यहाँ कपास बनाने (प्रौद्योगिकी) की मशीनें थी। मुरैना को सिकवारीतनावरगढ़ नामों से भी जाना जाता था।

तहसील – मुरैना (MP Districtwise GK in Hindi)

मुरैना जिले में मुरैना, अम्बाह, पोरसा, जौरा, कैलारस, सबलगढ़ तहसीलें है।

भौगोलिक स्थिति – मुरैना जिले की भौगोलिक स्थिति

Morena Jile का क्षेत्रफल 4991 किमी2 है।

अक्षांतर स्थिति – 25o17′ से 26o52′
देशांतर स्थिति – 76o30′ से 78o33′

जिले का अर्ध शुष्क मौसम है यहाँ ज्यादातर शुष्क जलवायु रहती है। गर्मी के मौसम में यहाँ बहुत तेज गर्मी होती है यहाँ मई-जून के महीने में औसत तापमान 44.0 सेल्सियस तक तथा सर्दियों में 2.80 सेल्सियस पहुंच जाता है। जिले में औसतन बारिश 862.6 मिमी तक है।

मिट्टियाँ – मुरैना जिले की प्रमुख मिट्टियाँ

मुरैना जिले में प्रमुख रूप से कछारी मिट्टी या जलोढ़ मिट्टी पायी जाती है।

मुरैना जिले की प्रमुख नदियाँ

  • चम्बल
  • कुंआरी
  • असान
  • संक

चम्बल नदी – चम्बल नदी मुरैना जिले में पश्चिम से उत्तर की ओर बहती है। चम्बल नदी मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच अंतर-राज्यीय सीमा बनाते हुए उत्तरप्रदेश में प्रवेश करती है और यू. पी. के इटावा जिले में यमुना नदी में गिरती है। चम्बल नदी में डॉल्फिन का संरक्षण किया जाता है।

सिंचाई एवं परियोजनाएं – जिला मोरेना

जिले में सिंचाई का मुख्य स्त्रोत नहर है। म. प्र. की पहली परियोजना ‘चम्बल परियोजना’ मुरैना जिले में है।

वन एवं वन्यजीव – District Morena

मुरैना जिले में आरक्षित वन क्षेत्र 50,669 हेक्टेयर और 26,847 हेक्टेयर संरक्षित वन है। यहाँ के वनों में नीलगाय, मोर, भेड़िये, जंगली सूअर, लोमड़ी, हिरण, सेही और खरगोश पाए जाते है। जिले में सर्वाधिक आमपक्षी मोर (पावो क्रिस्टेटस) पायी जाती है।

राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण – मुरैना

राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण : चम्बल नदी पर राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण स्थित है जो भारतीय घड़ियालों के लिए प्रसिध्द है। इस अभ्यारण की स्थापना 1978 में की गयी। राष्ट्रीय चम्बल अभ्यारण का क्षेत्रफल 435 वर्ग किमी. है। इस अभ्यारण की सीमा तीन राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के साथ लगती है।

खनिज सम्पदा एवं उद्योग – मुरैना जिले में

खनिज सम्पदा की दृष्टि से मुरैना जिले को ज्यादा समृद्ध नहीं कहा जा सकता है, फिर भी मुरैना जिले में चुना पत्थर पाया जाता है।

सरसों के अधिकतम उत्पादन के कारण सरसों के तेल उत्पादक उद्योग जिले में बहुत पाए जाते है।

बमोर में 11 औद्योगिक केंद्र है। ग्रामीण विकास कार्यक्रम के तहत 552 नए लघु उद्योग स्थापित किया गए। यहाँ के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र सीमेंट कारखाना, चीनी मिल कैलारस, जे.के. टायर फैक्ट्री, राठी तेल मिल है।

मुरैना जिले में जनजाति

मुरैना जिले में म. प्र. की पांचवी सबसे बड़ी जनजाति सहरिया निवास करती है। सहरिया जनजाति मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी और गुना में निवास करती है।

मोरेना जिले की बोलियां एवं मेले –

मुरैना जिले में संत नागाजी की याद में प्रसिध्द नागाजी का मेला लगता है। यह मेला जिले के पोरसा गांव में प्रतिवर्ष अगहन के महीने में लगभग 1 महीने के लिए लगता है।

हिंदी ब्रजभाषा यहाँ की प्रमुख बोली है जो मुरैना तथा उसके आसपास के क्षेत्र में बोली जाती है।

जिला मुरैना के प्रमुख पर्यटन स्थल –

  1. सबलगढ़ का किला
  2. चौसठ योगिनी मंदिर
  3. ककनमठ मंदिर
  4. पहाड़गढ़ गुफा
  5. बटेश्वर हिन्दू मंदिर
  6. सूर्य मंदिर
  7. शांतिनाथ, कुंथनाथ, अराहनाथ, पार्श्वनाथ, आदिनाथ आदि जैन मंदिर
  8. राजधार स्थल
  9. दुबकुण्ड
  10. कुटवार लिखीछाज पड़वाली

सबलगढ़ का किला (Sabalgarh Fort)

यह सबलगढ की ऊँची पहाडी पर स्थित है। इस किले के अंदर चार दरवाजें है। यहां पर नवसिंह की हवेली प्रमुख आकर्षण का केन्‍द्र है। इस किले  की नींव सबला नामक गुर्जर ने रखी परन्तु इसका निर्माण करौली के यदुवंशी राजा गोपीसिंह ने 18 वी शताब्दी में करवाया था। 1795 में खाण्‍डेराव ने आधिपत्‍य में लिया था 1809 में महाराजा सिंधिया के अधीन आ गया था।

नूराबाद

नूराबाद मुंबई आगरा हाइवे पर है, जो संक नदी पर बसा है जिसका नाम मुग़ल बादशाह जहांगीर की बेगम नूरजहॉं के नाम पर पड़ा है। इससे पहले इसका नाम सिरोहा था। 1923 में नूराबाद तहसील बना था। जहांगीर ने सांक नदी पर एक पुल का निर्माण करवाया और उस पर गौना बैगम का मकबरा बनबाया था।

मितावली

मितावली मुरैना जिले के चौसठ योगिनी मंदिर के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ से प्राप्‍त 1380 ई शिला लेख से ज्ञात होता है कि यह मंदिर महाराजा देवपाल द्वारा बनबाया गया था। यह भी माना जाता है कि संसद भवन की कल्‍पना इसी की शैली के आधार की गयी है। इस 64 कक्षों वाली इमारत की तुलना चौसठ यौगिनी से की थी।

जरूर पढ़ें:- म.प्र. डेली | साप्ताहिक | मंथली करंट अफेयर्स डाउनलोड पीडीएफ | MP Current GK

पडावली

पडावली – मुरैना जिले के रिठोरा कला गांव में गुप्‍तकालीन स्‍थान है। यहां पर कछपताल काल का शिव मंदिर है। यह अपनी शिल्‍प कला के लिये प्रसिद्ध है। इसे मिनी खजुराहो कहा जाता है। यहां पर ब्रहमा, विष्णु, महेश का मंदिर भी है।

पहाड़गढ़ की गुफाएं

आसन नदी के तट पर विभिन्न गुफाओं में से एक लिखीराज नामक गुफाएं मुरैना जिले में है|

मुरैना जिले की अन्य गुफाओं का समूह – नीचता की गुफा, कुंडलीघाट की गुफा, बराहदेह की गुफा, रानीदेह की गुफा, खजुरा की गुफा, कीत्या की गुफा, हवामहल की गुफा आदि। इन सभी गुफाओं को भोपाल की भीमबैठका की गुफाओं के समकालीन माना जाता है।

जिले के प्रमुख संग्रहालय –

  • शिवमूर्ति संग्रहालय
  • जैन चित्रशाला
  • विविध वीथिका
  • शक्त वीथिका
  • माता बहरारा देवी मंदिर कैलारस
  • पं रामप्रसाद संग्रहालय मुरैना
  • सुमावली का किला
  • अलोपीशंकर मंदिर कैलारस
  • धातु प्रतिमा फोटो और चित्रशाला

MORENA DISTRICT के प्रमुख तथ्य –

  • बानमौर फैक्‍ट्री  की स्‍थापना 1922 ACC कंपनी के स्‍वामित्‍व में लगाई गयी थी| यह पोर्टलैण्‍ड सीमेंट बनाती है।
  • Morena Jile के बरबई नामक गांव में  क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल का शहीद पार्क बनाया गया है क्‍योकि यह उनका पैतृक गांव है|
  • मुरैना जिले को दस्‍यु के जिले के नाम से जाना जाता है|
  • चंबल नदी के मृदा कटाव के कारण बड़ी समस्‍या है जिससे बड़े अवनालिका गड्ढ़ो का निर्माण हुआ है इसलिये यहाँ पर डकैतों केा छुपने का सहारा मिल जाता है|
  • Morena District से NH-552 और NH-3 राष्‍ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं|
  • Morena Jile में राष्‍ट्रीय चंबल अभ्‍यारण है जो मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान, उत्तरप्रदेश के साथ सीमा बनाता है|
  • सर्वाधिक सरसों उत्‍पादन मुरैना जिले (Morena District) में होता है। जिले में रबी और खरीफ दोनों प्रकार की फसलें उगाई जाती है। यहां की 50% जमीन पर खेती की जाती है।
  • मोरेना जिले की प्रमुख फसलें सरसों, गेहूँ, आदि है।

Read More:म. प्र. का सम्पूर्ण सामान्य ज्ञान | करंट GK | जी.के.क्विज आदि

  • मुरैना जिले में मध्‍य प्रदेश का सबसे बडा पोस्‍ट ऑफिस है|
  • कत्‍था उत्‍पादन के लिये भी Morena Jila जाना जाता है|
  • मुरैना जिले की गजक विश्‍व प्रसिद्ध है|
  • Morena जिले में कालीन निर्माण भी किया जाता है|
  • मुरैना मे सबसे अधिक मुख्यतः गाय और भैंस पशुधन पायी जाती है| जिले में दूध का उत्पादन बड़ी मात्रा में है।
  • Muraina Jila चंबल अभ्यारण घड़ियाल के लिये प्रसिद्ध है|

यह भी पढ़ें: म. प्र. के महत्वपूर्ण करंट अफेयर्स –

आप इन जिलों के बारे में भी पढ़ सकते है-
मुरैनाभिण्डश्योपुरग्वालियर
दतियाशिवपुरीगुनाअशोकनगर
भोपालसीहोररायसेनविदिशा
राजगढ़उज्जैनदेवासशाजापुर
आगर मालवारतलाममंदसौरनीमच
इंदौरधारझाबुआअलीराजपुर
बड़वानीखरगोनखण्डवाबुरहानपुर
सागरदमोहछतरपुरपन्ना
टीकमगढ़निमाड़ीरीवासतना
सीधीसिंगरौलीशहडोलउमरिया
अनूपपुरजबलपुरनरसिंहपुरछिंदवाड़ा
बालाघाटमण्डलाडिंडोरीसिवनी
कटनीबैतूलहरदाहोशंगाबाद

ये भी देखें

Leave a Comment

error: